लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने सऊदी अरब की यात्रा के दौरान 04 नवंबर 2017 को अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम से पहले से ही राजनीतिक रूप से समस्याओं को सामना कर रहा देश नेतृत्वहीन हो गया है. उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया है. उनके इस हैरान करने वाले कदम से देश बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच अनिश्चितताओं से घिर गया है. हरीरी के इस्तीफे से देश में तनाव बढ़ने की आशंका है.
सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने इस्तीफ़ा दिया
बहरीन का लेबनान के लिए यात्रा प्रतिबंध इस छोटे से देश के लिए खाड़ी देशों के प्रतिबंध का विस्तार माना जा रहा है जोकि अपनी अर्थव्यवस्था के लिए खाड़ी के निवेश और पर्यटन पर निर्भर है.
मुख्य तथ्य:
• साद हरीरी को वर्ष 2016 के आखिर में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था.
• प्रधानमंत्री साद हरीरी ने अपने इस्तीफे की घोषणा करके लेबनान और वहां के नेताओं को स्तब्ध कर दिया है.
• साद हरीरी के अचानक इस्तीफे से देश की अस्थिर राजनीति पर चर्चा तेज हो गई है साथ ही इस कदम ने देश को सऊदी अरब और ईरान के बीच क्षेत्रीय तनातनी में लाकर खड़ा कर दिया है.
• हरीरी ने रियाद से टेलीविजन पर एक संबोधन में अरब मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए ईरान और लेबनानी हिज्बुल्ला समूह के खिलाफ जोरदार हमला किया.
• सरकार पड़ोसी देश सीरिया में जारी गृह युद्ध के प्रभाव से देश को बचाने में काफी हद तक सफल रही है. देश सुन्नी मुस्लिम हरीरी के नेतृत्व वाले सऊदी अरब के वफादार गुट और हिज्बुल्ला के नेतृत्व वाले ईरान के प्रति वफादार गुट में बंटा हुआ है.
• साद हरीरी के इस्तीफे से देश में तनाव बढ़ने की आशंका है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनकी जान पर खतरा है और देश में इस समय उसी तरह का माहौल है जैसा उनके पिता दिवंगत प्रधानमंत्री रफीक हरीरी के सामने मौजूद था. उनके पिता की 2005 में हत्या कर दी गई थी.
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