केंद्र सरकार ने जनता में बचत को लेकर जागरुकता एवं प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय बचत पत्र को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. इस परियोजना के तहत तीन बड़े निजी बैंकों सहित र्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, आवर्ती जमा और मासिक आय योजना जैसी विभिन्न लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने की अनुमति प्रदान की गयी.
अब तक अधिकतर लघु बचत योजनाएं डाकघरों में ही मिलतीं रहीं हैं लिहाजा इसके विकल्प बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है. एक हालिया सरकारी अधिसूचना के अनुसार, बैंक अब नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट स्कीम 1981, राष्ट्रीय बचत (मासिक आय खाता) योजना 1987, राष्ट्रीय बचत आवर्ती जमा योजना 1981 और राष्ट्रीय बचत पत्र- 8 निर्गम आदि भी बेच सकते हैं.
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हाल ही में जारी इस अधिसूचना में कहा गया कि तीन शीर्ष निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक सहित सभी सार्वजनिक बैंक इन विस्तृत पोर्टफोलियो के तहत अभिदान प्राप्त कर सकते हैं.
अभी तक इन बैंकों को लोक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र-2014, सुकन्या समृद्धि खाता और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना-2004 के तहत ही जमा राशि लेने की अनुमति दी गई थी. पिछले महीने सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा था.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि अप्रैल-2016 से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर तिमाही आधार पर बदला जाने लगा है. लोक भविष्य निधि योजना में निवेश पर फिलहाल सालाना 7.8 प्रतिशत की दर से ब्याज है जबकि किसान विकास पत्र में निवेश पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा हैं. यह पत्र 115 माह में परिपक्व होता है. बालिका के लिये बचत को बढ़ावा देने वाली सुकन्या समृद्धि खाता योजना पर 8.3 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जा रहा है.
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