रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ई-वॉलेट्स यूजर्स हेतु सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत दो अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स के वॉलेट के मध्य ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान की गई है. फर्जी वॉलेट ट्रांजैक्शंस को रोकने हेतु फ्रॉड डिटेक्शन के नॉर्म्स भी शामिल किए गए हैं. बैंकिंग रेगुलेटर की तरफ से उठाए गए इन कदमों से मोबाइल वॉलेट के कामकाज का दायरा बदल जाएगा.
कस्टमर्स अब यूपीआई के माध्यम से अलग-अलग कंपनियों और बैंकों के ई-वॉलेट्स के मध्य आसानी से ट्रांजैक्शंस करने में सक्षम होंगे. इस सुविधा के लिए कस्टमर्स को बैंकों की तरह ही फुल केवाईसी फॉर्मेलिटी पूरी करनी होगी.
मिनिमम रिक्वायरमेंट पूरी कर रहे मोबाइल वॉलेट्स को 12 महीने के भीतर और मौजूदा वॉलेट यूजर्स को इस साल के अंत तक फुल केवाईसी फॉर्मेट में कन्वर्ट होना पड़ेगा.
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आरबीआई के अनुसार मिनिमम केवाईसी वॉलेट में 10,000 रुपये से ज्यादा बैलेंस नहीं रखा जा सकता. उस पैसे का इस्तेमाल सामान और सेवाओं की खरीदारी में किया जा सकता है. मिनिमम केवाईसी वॉलेट की धनराशी को किसी और वॉलेट या बैंक में ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता.
जिस वॉलेट एकाउंट का फुल केवाईसी होगा, उसमें अधिकतम एक लाख रुपये रखे जा सकते हैं. इसमें फंड ट्रांसफर की पूरी फैसिलिटी होगी. वॉलेट इंडस्ट्री मिनिमम केवाईसी नॉर्म्स पर जोर दे रही थी, लेकिन आरबीआई के गाइडलाइंस से लगता है कि पेमेंट स्पेस में सिर्फ बड़े और सीरियस प्लेयर आ सकेंगे.
पेमेंट प्लेयर्स की इंडस्ट्री बॉडी पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन नवीन सूर्या के अनुसार 'वॉलेट्स को फुल केवाईसी में बदलने के लिए 12 महीने का वक्त दिया गया है. आरबीआई ने इस स्पेस के प्लेयर्स के लिए नेटवर्थ की जरूरत भी बढ़ा दी है.
पीपीआई लाइसेंस के लिए कंपनियों के पास एप्लिकेशन के समय पांच करोड़ रुपये की पॉजिटिव नेटवर्थ होना चाहिए. पहले मिनिमम सिर्फ दो करोड़ रुपये की नेटवर्थ रिक्वायरमेंट थी.
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नए नियम-
- नए नियमों के अनुसार अब पेमेंट कंपनियों को आरबीआई ऑथराइजेशन मिलने के बाद तीन साल के भीतर उसको 15 करोड़ रुपये तक ले जाना होगा.
- पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा के अनुसार 'वॉलेट के लिए ज्यादा पॉजिटिव नेटवर्थ की रिक्वायरमेंट जरूरी थी क्योंकि आरबीआई वॉलेट्स को सीरियस फाइनेंशियल सर्विसेज सेगमेंट मान रहा है.
- अगर पैसा एक कंपनी के वॉलेट से दूसरी कंपनी के वॉलेट में भेजा जाएगा तो उसे ऐसे ट्रांजैक्शंस को सपोर्ट देने के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत होगी.'
- आरबीआई ने वॉलेट में ट्रांसफर की जाने वाली रकम की ऊपरी सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है. इसमें अब फॉरेन करेंसी में 50,000 रुपये तक की रकम ली जा सकेगी.
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