राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 05 अक्टूबर 2017 को दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि जंतर मंतर पर प्रदर्शनों पर रोक लगाई जाए तथा वहां हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर भी रोक लगाई जाए. एनजीटी ने यह आदेश पर्यावरण कारणों से सुनाया है.
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आरएस राठौर ने दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली पुलिस को आदेश का पालन करने के लिए कहा. अदालत के आदेशानुसार जंतर मंतर पर धरने पर बैठे लोगों, अस्थायी ढांचों व लाउडस्पीकरों को तुरंत हटाया जाना चाहिए.
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मुख्य बिंदु
• एनजीटी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा इस इलाके का इस्तेमाल करने से रोकथाम एवं प्रदूषण नियंत्रण कानून, 1981 का उल्लंघन हो रहा है.
• जंतर मंतर के आस-पास रहने वाले लोगों को शांतिपूर्वक और स्वच्छ माहौल में जीने का हक है. यहां चल रहे प्रदर्शनों से लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है.
• एनजीटी ने जंतर-मंतर पर धरना देने के लिए एकत्रित हुए लोगों को रामलीला मैदान में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है.
• वरुण सेठी द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि जंतर मंतर पर लाउडस्पीकरों से ध्वनि प्रदूषण की समस्या हो रही है साथ ही यहां बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही से वायु प्रदूषण भी होता है.
• धरना-प्रदर्शन के नाम पर यहां पशुओं को बांधना, खुले में लोगों का नहाना, गंदगी फैलाना कुछ अन्य ऐसी समस्याएं हैं, जिनके चलते जंतर मंतर और उसके इर्द गिर्द हालात बिगड़े हैं.
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