सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने एचपीसीएल में सरकार की 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा की है. यह अधिग्रहण बाजार मूल्य पर नवंबर या दिसंबर में किए जाने का समय निर्धारित किया गया है.
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति सीसीईए ने 19 जुलाई 2017 को एचपीसीएल में सरकार की मौजूदा 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी को बेचे जाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी. एचपीसीएल के शेयर का हाल का बाजार भाव 428.75 रुपए प्रति शेयर है.
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केंद्र सरकार को इस सौदे से मौजूदा बाजार भाव पर 33,000 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि मिलने की संभावना है. यह सौदा थोक बल्क या ब्लाक में होगा जो शेयर बाजारों में होता है.
बल्क या ब्लाक सौदा-
ब्लाक में सौदा वहां होता है जहां दो पक्षों के बीच लेनदेन न्यूनतम 5,00,000 शेयर या न्यूनतम 5 करोड़ रुपए मूल्य का होता है. बल्क सौदे में संबंधित सूचीबद्ध कंपनी के शेयर की कुल संख्या का 0.5 प्रतिशत से अधिक बेचा या खरीदा जाता है.
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सरकार की तरफ से यह सौदा सलाहकार जेएम फाइनेंशियल और कानूनी परामर्शदाता सिरील अमरचंद मंगलदास ओएनजीसी के साथ मिलकर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (एचपीसीएल) पर सूचना ज्ञापन तैयार कर रही है.
देश की सबसे बड़ी तेल एवं प्राकृतिक गैस उत्पादक ओएनजीसी ने सौदे को लेकर मर्चेन्ट बैंकर के रूप में एसबीआई कैप्स और सिटी ग्रुप को नियुक्त किया है. वहीं शार्दुल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार नियुक्त किया है. यह तीसरी सबसे बड़ी रिफाइनिंग और ऑयल मार्केटिंग कंपनी के अधिग्रहण के लिए मूल्यांकन पर पहुंचने को लेकर सूचना ज्ञापन का अध्ययन करेंगे.
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