प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2017 को आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) में देश के चुनिंदा अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. बिबेक देबराय आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष होंगे. आर्थिक परिषद का गठन आर्थिक वृद्धि दर को सामान्य स्तर पर लाने के उद्देश्य से किया गया है.
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मुख्य बिंदु-
परिषद में डॉ. बिबेक देबराय के अतिरिक्त अंशकालिक सदस्य के रूप में डॉ. सुरजीत भल्ला, डॉ. रथिन रॉय और डॉ. आशिमा गोयल को भी शामिल किया गया.
नीति आयोग के सदस्य सचिव रतन वाटल को परिषद का प्रधान सलाहकार बनाया गया है.
परिषद का काम प्रधानमंत्री द्वारा सौंपे गये आर्थिक या अन्य संबंधित मुद्दों पर विश्लेषण करना और उन्हें परामर्श देना होगा.
परिषद वृहद आर्थिक महत्व के मुद्दों का समाधान और उसके बारे में अपने विचार से प्रधानमंत्री को अवगत भी कराएगी.
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टिप्पणी-
आर्थिक परिषद का गठन से कुछ समय पूर्व आयी आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया था कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी जो पिछले तीन वर्षों का न्यूनतम स्तर है. इसके अतिरिक्त औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर भी जुलाई में घटकर 1.2 प्रतिशत पर आ गयी जो जून में 5.4 प्रतिशत थी. ऐसे समय पर आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन करना आवश्यक था.
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