प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में ‘दीनदयाल हस्तकला संकुल’ राष्ट्र को समर्पित किया, यह संकुल हस्तशिल्प का व्यापार सुविधा केन्द्र है. प्रधानमंत्री ने इस केंद्र की आधारशिला नवम्बर, 2014 में रखी. प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का दौरा किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया.
दीनदयाल हस्तकला संकुल-
- राष्ट्र को समर्पित दीनदयाल हस्तकला संकुल पर 300 करोड़ रुपये की लागत आई है.
- परियोजना 7.93 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और इसका निर्मित क्षेत्र 43,450 वर्गमीटर है.
- व्यापार सुविधा केंद्र वाराणसी के बुनकरों/ कारीगरों को वैश्विक अर्थव्यवस्था से एकीकृत करने की दिशा में एक अहम कदम है.
- केंद्र से कारीगरों और बुनकरों को पूरी दुनिया के समक्ष अपने कौशल को पेश करने में मदद मिलेगी और इससे उनका भविष्य उज्ज्वल होगा.
- उन्होंने कहा कि इससे हस्तशिल्प की मांग और बढ़ेगी तथा इसके साथ ही वाराणसी में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी.
- देश में किसी भी समस्या का हल विकास है. इसके प्रथम चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा 22 दिसंबर, 2016 को किया गया.
- संकुल से बुनकरों/ कारीगरों/ निर्यातकों को घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही बाजारों में हथकरघा/ हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
- संकुल स्थित शिल्प संग्रहालय से वाराणसी के पारम्परिक हथकरघा/ हस्तशिल्प उत्पादों का संरक्षण संभव होगा.
केंद्र सरकार ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना’ का शुभारंभ किया
बुनकरों और कारीगरों का उत्थान-
कपड़ा मंत्रालय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के साथ सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किेये हैं, जिससे बुनकरों और कारीगरों के बच्चे स्कूली शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालय की शिक्षा भी प्राप्त कर सकें. समझौते के तहत बुनकरों और कारीगरों के बच्चों की 75 प्रतिशत फीस भारत सरकार वहन करेगी.
‘मुद्रा’ योजना-
- ‘मुद्रा’ योजना के तहत लाभार्थियों को 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ऋण दिये जाते हैं.
- मुद्रा योजना से 33,000 से भी अधिक बुनकर लाभान्वित हुए हैं, जिन्हें 170 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के ऋण प्राप्त हुए हैं.
- मुद्रा ऋण प्राप्त करने वाले बुनकर सिर्फ दो माह के भीतर अपनी आमदनी में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की वृद्धि करने में सफल रहे.
केंद्र सरकार ने ‘नेबरहुड एक्शन प्लान’ का शुभारम्भ किया
पृष्ठभूमि-
वित्त मंत्री ने 2014-15 के बजट में वाराणसी के हथकरघों, हस्तशिल्प और रेशम उत्पादों को विकसित करने तथा बढ़ावा देने और वाराणसी के बुनकरों, कारीगरों और उद्यमियों को आवश्यक सहायता मुहैया कराने हेतु एक व्यापार सुविधा केंद्र तथ शिल्प संग्रहालय की स्थापना करने की घोषणा की. इसका उद्देद्श्य घरेलू एवं विदेशी बाजारों में उनकी विपणन गतिविधियों को सुदृढ़ करने एवं वाराणसी में हथकरघों की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाना था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation