सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय ने लड़कियों के स्कूलों में शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम को शुरू करने की मंजूरी दे दी है. सऊदी अरब के शिक्षा मंत्री अहमद अल ईसा ने 11 जुलाई 2017 को घोषणा की है कि अगले स्कूली सत्र (2017-18) से लड़कियों के लिए शारिरिक शिक्षा का विषय भी शुरू किया जायेगा.
मुख्य तथ्य:
• देशभर में महिलाएं और अधिक अधिकारों तथा खेलों में भाग लेने की वर्षों से मांग कर रही हैं जिसके बाद अब यह कदम उठाया गया है.
• सरकारी स्कूलों में लड़कियों को खेलों में भाग लेने की मंजूरी देने का फैसला सउदी अरब में काफी अहम है, क्योंकि यहां महिलाओं का खेलना अब भी अच्छा नहीं माना जाता है.
• सऊदी अरब इस्लामी कानून और जातीय रीति रिवाजों का बड़ी सख्ती से पालन करता है. इन नियमों के तहत लड़कियों और महिलाओं का जीवन किसी पुरुष अभिभावक पर निर्भर है.
• सऊदी अरब बढ़ते मोटापे की समस्या से भी जूझ रहा है, जिसका असर स्वास्थ्य तंत्र पर हो रहा है.
• सऊदी अरब वर्ष 2030 तक की सुधार योजना के तहत खेलकूद मनोरंजन की गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
• शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2013 में पहली बार घोषणा की थी कि इस तरह के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है और शारीरिक शिक्षा के लिए 9,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
• इस मंत्रिस्तरीय निर्णय में कार्यक्रम की निगरानी के लिए एक समिति का गठन करने और महिला विशेषज्ञों को तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय के साथ काम करने के लिए भी कहा गया है.
• शिक्षा मंत्री अहमद अल-ईसा ने कहा की यह कार्यक्रम शरिया (इस्लामी कानून) के मुताबिक तैयार किया गया है और इसे प्रत्येक स्कूल के संसाधनों के हिसाब से धीरे-धीरे लागू किया जाएगा, जब तक कि स्कूल इस कार्यक्रम को समायोजित करने के लिए तैयार नहीं हो जाते.
• यहां की महिलाओं में मोटापे की दर 62 प्रतिशत पहुंचने के बाद हाल के महीनों में स्थानीय गैर-सरकारी संगठन सरकार पर शीघ्र इस तरह के कार्यक्रम को शुरू करने का दबाव डाल रहे हैं.
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