श्रीलंका क्रिकेट संघ (एसएलसी) ने पूर्व बल्लेबाज चमारा सिल्वा को दो वर्ष की अवधि के लिए क्रिकेट गतिविधियों से प्रतिबंधित किया है. श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज चमारा सिल्वा पर इस वर्ष के आरम्भ में प्रथम श्रेणी मैच के दौरान कथित मैच फिक्सिंग के आरोप है इसी कारण उसे सभी तरह की क्रिकेट से प्रतिबंधित किया गया है. श्रीलंका में टीयर-बी की टीमों के मध्य खेले गए मैच में परिणामों के साथ उलटफेर किया गया.
श्रीलंका क्रिकेट संघ (एसएलसी) ने 23 से 25 जनवरी 2017 के मध्य दोनों क्रिकेट क्लब पनाडुरा क्रिकेट क्लब और कालुतारा फिजिकल कल्चर क्लब मैच के तीसरे दिन की घटनाओं की सात महीने तक की गई जांच के बाद यह घोषणा की.
श्रीलंका क्रिकेट संघ (एसएलसी) ने दोनों क्लबों के मध्य खेले गए मैच के बारे में जांच कराई. श्रीलंका क्रिकेट की जांच का उद्देश्य मैच के बारे में तथ्यात्मक जानकारी हासिल करना था की फिक्स था या नही. क्योंकि एक दिन में 24 विकेट गिरे और केवल 13.4 ओवर में 165 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया गया.
इस मैच में पनाडुरा क्लब की कप्तानी कर रहे चमारा सिल्वा पर दो साल के लिये खेलने, कोचिंग देने या प्रशासन में काम करने से प्रतिबंधित कर दिया गया. कालुतारा क्लब के कप्तान मनोज देशप्रिय को भी चमारा सिल्वा जैसी ही सजा सुनायी गयी है. दोनों टीमों के अन्य खिलाड़ियों और उनके कोचों को एक साल हेतु प्रतिबंधित किया गया. दोनों क्लबों पर पांच लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया.
चमारा सिल्वा के बारे में-
श्रीलंका के लिए अपने करियर के दौरान चमारा सिल्वा ने 1999 से 2011 तक 11 टेस्ट, 75 वनडे मैच खेले. इसके अलावा क्लब के अन्य खिलाड़ियों और कोचों पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगाया गया है. दोनो क्लबों को जुर्माने के तौर पर पांच लाख रुपये का भुगतान करना है.
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