कर्नाटक कैबिनेट ने ट्रांसजेंडर हेतु राज्य की नीति, 2017 को 26 अक्टूबर 2017 को मंजूरी प्रदान की. ट्रांसजेंडर नीति का लक्ष्य इस समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाना और इसके सदस्यों को एक सुरक्षित जीवन प्रदान करना है.
कर्नाटक राज्य के कानून मंत्री टीबी जयचंद्र ने कैबिनेट बैठक के बाद यहां संवाददाताओं को बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में इस नीति का मसौदा तैयार किया गया.
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कानून मंत्री टीबी जयचंद्र के अनुसार इस समुदाय के लोगों को असुरक्षा, भेदभाव, अपमान का सामना करना पड़ता है. इस्सी से छुटकारा हेतु ट्रांसजेंडर के लिए राज्य की नीति 2017 को मंजूरी दी गई है.
इससे पूर्व हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने भी ट्रांसजेंडरों के लिए कई कल्याणकारी कदमों की घोषणा की. इसके तहत उन्हें प्रति माह 1000 रुपये पेंशन दिया जाना भी निर्धारित किया गया.
ट्रांसजेंडर वर्ग-
इस नीति में जोगप्पा, जिजरा, महिला से पुरुष, पुरुष से महिला, इंटर-सेक्स, कोथी, जोगतास, शिवशक्ति और अरावनी सहित ट्रांसजेंडरों के विभिन्न वर्गों का उल्लेख किया गया है
उद्देश्य-
कर्नाटक राज्य सरकार की इस नीति का उद्देश्य राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में जागरुकता फैलाना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये ऐसे परिवारों तक पहुंचकर ट्रांसजेंडर बच्चों के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाना, ट्रांसजेंडरों के खिलाफ भेदभाव, लैंगिक दुर्व्यवहार और हिंसा जैसी समस्याओं के समाधान हेतु शैक्षणिक संस्थानों में निगरानी समिति या प्रकोष्ठ का निर्माण करना है.
विस्तृत current affairs
यह भेदभाव रहित मैत्री नीति के संकेतकों की व्याख्या करने के साथ ही ट्रांसजेंडर समुदाय को सर्व शिक्षा अभियान , शिक्षा का अधिकार और साक्षरता बढ़ाने वाले प्रयासों में शामिल करने का विचार पेश करता है.
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