मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी

इस संशोधन से इन संस्थाओं/विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे अथवा यहां से पहले ही उत्तीर्ण हो चुके छात्र शिक्षक के रूप में रोजगार पाने के पात्र हो सकेंगे.

Nov 2, 2017, 10:13 IST
Union Cabinet Decisions
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन के लिए राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 शीर्षक से इस विधेयक को संसद में पेश करने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की, जिसमें एनसीटीई की अनुमति के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले केन्द्रीय/राज्य/ विश्विविद्यालयों को भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता प्रदान करने का प्रावधान है.

इस संशोधन में एनसीटीई मान्यता के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने वाले केन्द्रीय/राज्य /संघ शासित क्षेत्र के वित्त पोषित संस्थानों/विश्वविद्यालयों को अकादमिक सत्र 2017-2018 तक भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता प्रदान करने का प्रावधान है. यह भूतलक्षी प्रभाव के मान्यता एक बारगी उपाय के रूप में दी जा रही है ताकि इन संस्थानों से उत्तीर्ण अथवा पंजीकृत छात्रों के भविष्य को खतरा न हो.

इस संशोधन से इन संस्थाओं/विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे अथवा यहां से पहले ही उत्तीर्ण हो चुके छात्र शिक्षक के रूप में रोजगार पाने के पात्र हो सकेंगे. उपरोक्त लाभों को प्राप्त करने की दृष्टि से स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय यह संशोधन लेकर आया है.


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शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जैसे बी.एड और डिप्लोमा इन इलेमेंट्री एजुकेशन शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी संस्थानों को एनसीटीई अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद् से मान्यता लेनी होगी. इसके अलावा, ऐसे मान्यता प्राप्त संस्थानों/ विश्वविद्यालयों को एनसीटीई अधिनियम की धारा 15 के अन्तर्गत पाठ्यक्रमों की अनुमति प्राप्त करनी होगी.

एनसीटीई ने सभी केन्द्रीय विश्विविद्यालयों और राज्य सरकारों/राज्य विश्वविद्यालयों/ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को इस संबंध में लिखकर अवगत कराया गया है कि वे शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की शुरूआत करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करने को अनिवार्य कानूनी प्रावधान है और उन्हें  यह अवगत कराने के लिए 31.3.2017 तक का समय दिया गया है कि यदि कोई ऐसा संस्थान/विश्वविद्यालय एनसीटीई की अनुमति के बिना कोई पाठ्यक्रम चला रहे हैं तो वे विगत मुद्दों के एक-बारगी समाधान के लिए एनसीटीई को इस बारे में अवगत करायें.

पृष्ठभूमि

एनसीटीई अधिनियम 1 जुलाई, 1995 को प्रभाव में आया था और जम्मू व कश्मीर को छोड़कर यह देशभर में लागू है. इस अधिनियम का मुख्य  उद्देश्यआ शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली की योजना और समन्वित विकास, प्रणाली, विनियमन की प्राप्ति का लक्ष्य व उक्त प्रणाली में मानदण्डों  व मानको का समुचित अनुरक्षण सुनिश्चित करना है. अधिनियम के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दृष्टि से, शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को मान्यता देने के लिए इस अधिनियम में पृथक से प्रावधान किए गए हैं और मान्यता प्राप्त  संस्थानों/विश्वंविद्यालयों द्वारा अनुपालनार्थ मार्गदर्शी-निर्देश निर्धारित किए गए हैं.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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