प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT: Securities Appellate Tribunal, सैट) ने सहारा समूह को निवेशकों का 24029 करोड़ रुपया लौटाने का निर्देश 18 अक्टूबर 2011 को दिया. सैट ने इस प्रक्रिया हेतु सहारा समूह को छः सप्ताह का समय दिया.
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने सहारा समूह की कंपनियों को निवेशकों से वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर यानी ओएफसीडी (optionally fully convertible debentures) के जरिए जुटाया गया धन छह हफ्ते के भीतर लौटाने का आदेश दिया. सहारा समूह की कंपनियां सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन) और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर यानी ओएफसीडी के जरिए 24029 करोड़ रूपये की राशि वसूली थी.
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT: Securities Appellate Tribunal, सैट) ने अपने आदेश में बताया कि इस प्रकार की योजनाओं के जरिये फंड जुटाने का मामला शेयर बाजार नियामक सेबी के अधिकार क्षेत्र में आता है. अतः समूह की दोनों कंपनियों को शेयर बाजार नियामक सेबी द्वारा निर्धारित शर्तों के तहत यह रकम लौटानी होगी.
ज्ञातव्य हो कि जून 2011 में शेयर बाजार नियामक सेबी ने भी नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए सहारा समूह की दोनों कंपनियों को लाखों निवेशकों से जुटाए गए पैसे को लौटाने का आदेश दिया था. सेबी के उस निर्णय के विरुद्ध सहारा समूह ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी.
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