भारत और चीन की दोस्ती, समय की एक मांग!

Sep 20, 2014, 13:11 IST

भारत और चीन की दोस्ती अगर समय की एक मांग है तो दोनों देशों के लिए एक जरूरत भी.

भारत और चीन के मध्य ऐतिहासिक संबंध रहें हैं तो वहीं ऐतिहासिक विवाद भी. भारत और चीन की दोस्ती अगर समय की एक मांग है तो दोनों देशों के लिए एक जरूरत भी. इसी के मद्देनजर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और ‘प्रथम महिला’ पेंग लियुआन तीन दिन की भारत यात्रा पर 17 सितंबर 2014 को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे. अहमदाबाद हवाई अड्डे पर राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री आनन्दी बेन पटेल और उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों ने शी जिनपिंग की अगवानी की. हवाई अड्डे पर चीन के राष्ट्रपति का ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ स्वागत किया गया.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी प्रमुख देश के पहले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिनकी सरकारी भारत यात्रा गुजरात से शुरू हो रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थित हयात होटल में उनकी अगवानी की. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति ने आपस में परिचर्चा की. तत्पश्चात चीन के राष्‍ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थित में चीन और गुजरात सरकार के बीच तीन सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

1. औद्योगिक पार्क को लेकर गुजरात सरकार के IEB और चीन विकास बैंक के बीच समझौता हुआ. यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और गुजरात में औद्योगिक पार्क बनाने को लेकर है.
2. चीन के गुआंगदोंग और भारत के गुजरात के बीच ‘सिस्‍टर प्रोविंस’ (Sister Province) वाले रिश्‍ते कायम करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
3. ग्वांझाओ-अहमदाबाद नगर निगम के बीच ट्रेनिंग को लेकर समझौता.
इन समझौता ज्ञापन के द्वारा गुजरात और चीन के बीच सेवा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ानी है.

दोस्ती का नया दौर
चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की यात्रा का जिस प्रकार से गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया. उससे तो यह स्पष्ट हो रहा है कि दोनों देश नए सिरे से दोस्ती का दौर शुरू करने जा रहे हैं.
 
दोनों देशों को एक दूसरे से काफी उम्मीदें हैं. दरअसल दोनों देश एक दूसरे की जरूरत बन गए हैं और ऐसे में देखना यह है कि दोनों किस तरह मिलकर आगे बढ़ पाते हैं? इससे इन्कार नहीं कि चीन आर्थिक रूप से एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है और उसके मुकाबले भारत कुछ पीछे दिखाई देता है, परन्तु यह भी एक सत्य तथ्य है कि एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में भारत को ही देखा जा रहा है. दोनों मिलकर विश्व की एक बड़ी शक्ति हो सकते हैं.

स्वयं चीन के साथ-साथ विश्व के बड़े देश भी यह मान रहे हैं कि भारत में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं. यही कारण है कि विश्व के सभी प्रमुख देश भारत की ओर बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं और उससे अपने संबंध मजबूत करने को तत्पर हैं.

चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा एक ऐसे समय पर हो रही है जब उसकी आर्थिक प्रगति की गति स्थिर हो गई है और इसे गति देने के लिए उसे भारत में अनेक अवसर दिखाई दे रहे हैं. चीन अपने आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए भारत में निवेश करने को तैयार है तो भारत को भी विदेशी पूंजी निवेश की आवश्यकता है.

आशंकाएं भी कम नहीं
इस अनुकूल स्थिति के बावजूद इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि चीन भारत की चिंताओं को समझने के लिए तैयार नहीं दिखाई देता.

चीन स्वयं तो भारत के पड़ोसी देशों में अपना आर्थिक प्रभुत्व बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, लेकिन वह भारत को अपने पड़ोसी देशों में आर्थिक तौर पर सक्रिय होते हुए नहीं देखना चाहता और इसका ताजा प्रमाण है वियतनाम के साथ तेल संबंधी समझौते का विरोध.

चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कोई विशेष इच्छुक दिखाई नहीं देता. वह जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को नत्थी वीजा देने के मामले में भी अड़ियल रवैया अपनाए हुए है. वह यह तो चाहता है कि ताइवान और तिब्बत के मामले में भारत चीन का साथ दे परन्तु उसे भारतीय हितों की कोई परवाह नहीं.

आर्थिक संबंधों को बल देते समय भारतीय नेतृत्व को यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन की ही न चलने पाए. मित्रता में लेन-देन दोनों होता है. यदि चीन कुछ मामलों में भारत से लचीले रवैये की अपेक्षा कर रहा है तो ऐसी ही अपेक्षा भारत को उससे भी है.
 
बेहतर हो कि चीन यह समझे कि इस अपेक्षा की पूर्ति से ही दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा मिल सकती है.

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News