आंध्र प्रदेश सरकार ने देश की पहली हाइपरलूप चलाने हेतु हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिज (एचटीटी) के साथ समझौता किया है. देश की यह पहली हाइपरलूप ट्रेन विजयवाड़ा और अमरावती शहरों को हाइपरलूप के माध्यम से जोड़ेगी.
हाइपरलूप से दोनों शहरों के मध्य एक घंटे की यात्रा घटकर मात्र पांच-छह मिनट की रह जाएगी. आंध्र प्रदेश सरकार ने इसके लिए हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिज के साथ एग्रीमेंट साइन किया है. इस तरह का कोई समझौता भारत में पहली बार किया गया है.
आंध्र प्रदेश सरकार ने विजयवाड़ा और अमरावती के सिटी सेंटर के मध्य पहला हाइपरलूप बनाए जाने का प्रस्ताव किया है. अमेरिकी कंपनी हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिज (एचटीटी) हाइपरलूप कनेक्टर तैयार करेगी. यह काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया जाना है.
हाइपरलूप परियोजना के पहले चरण में हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिज (एचटीटी) छह महीने का फिजिबिलिटी टेस्ट करेगी. इस पर अक्टूबर से काम शुरू किया जाएगा. इसके बाद हाइपरलूप ट्यूब बनाने का काम शुरू होगा.
इस हाइपरलूप परियोजना से 2500 नौकरियां पैदा होने का अनुमान है. इस क्षेत्र में तेजतर्रार रफ्तार वाले यातायात की उपलब्धता भी होगी. इस योजना पर 1300-1600 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है.
प्रदूषण मुक्त यातायात-
आंध्र प्रदेश इकॉनॉमिक डवलपमेंट बोर्ड के सीईओ कृष्ण किशोर के अनुसार 'दुनिया के बड़े शहरों में रहना काफी मुश्किल हो गया है और वायु प्रदूषण, भीड़भाड़ के लिए यातायात बड़ा कारण है. आंध्र प्रदेश भविष्य के यातायात की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. हाइपरलूप के साथ जुड़कर अमरावती भविष्य के यातायात को अपना रहा है.'
एचटीटी के चेयरमैन और कॉ-फाउंडर बिबोप ग्रेस्टा के अनुसार, 'हम आंध्र प्रदेश के साथ मिलकर एचटीटी हाइपरलूप को भारत में लाने को लेकर काफी खुश हैं. एचटीटी स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर सुरक्षित और पर्याप्त संचालन के लिए जरूरी मानदंड बनाएगी.'
हाइपरलूप के बारे में-
हाइपरलूप को भविष्य का सार्वजनिक यातायात का प्रमुख जरिया माना जा रहा है. इसमें एक ट्यूब जैसी संरचना बनाई जाती है. इसके अंदर पॉड या कंटेनर के जरिए यात्रा होती है.
अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स ने इस पर काम किया है. पिछले दिनों स्पेसएक्स ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें हाइपरलूप की स्पीड के बारे में पता चलता है.
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