केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) द्वारा 03 अक्टूबर 2017 को प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स आरंभ किया गया. इसका उद्देश्य सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण प्रदान करना है.
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि प्राथमिक स्तर पर स्कूलों में पढ़ाने वाले कुल 15 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दी गई 2019 की समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. यदि इस दौरान कोई शिक्षक प्रशिक्षण कार्य पूरा नहीं कर पाया तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.
मुख्य बिंदु
• ऑनलाइन प्लेटफार्म मूक्स, स्वयं और डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा के जरिए शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा.
• प्रशिक्षण के लिए 1080 लेक्चर तैयार किए गए हैं तथा यह पूरा कोर्स चार सेमिस्टर का होगा.
• शिक्षकों को रोजाना तीन घंटे की पढ़ाई करनी होंगी.
• इसके अतिरिक्त तहसील स्तर पर 12-12 दिन की दो कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी जिनमें शिक्षकों को मौजूद रहना अनिवार्य होगा.
• अब तक 15 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों ने इसके लिए आवेदन किया है.
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• राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (एनआईओएस) इस कोर्स का संचालन कर रहा है.
• इसके लिए एक एप्प भी तैयार किया गया है. शिक्षक एप्प द्वारा भी सवाल पूछ सकते हैं.
• आरटीई कानून के तहत जो शिक्षक सेवारत हैं उन्हें बारहवीं में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है.
• अप्रशिक्षित अथवा जिस शिक्षक के अंक कम हैं वे इस कोर्स के साथ ही एनआईओएस से 12वीं की परीक्षा भी दे सकता है.
शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के प्रावधानों के तहत 31 मार्च 2019 तक इन शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलीमेंट्ररी एजुकेशन (डीएलएड) करना है. इनमें से यदि कोई शिक्षक इस तिथि तक यह डिप्लोमा हासिल नहीं कर पाता है तो फिर वह शिक्षक के रूप में कार्य नहीं कर सकेगा.
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