भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल ''बराक-8'' का सफल परीक्षण किया. मिसाइल का 20 सितंबर 2016 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर ओडि़शा के बालेश्वर जिले में चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से मोबाइल लांचर द्वारा प्रक्षेपण किया गया.
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की इस मिसाइल का विकास भारत ने इस्राइल के साथ मिलकर किया है. मार्च 2009 में भारत ने इजराइल के साथ मिलकर 24 मिसाइल बनाने का समझौता किया था.
बराक-8 मिसाइल के बारे में-
बराक-8 मिसाइल की मारक क्षमता 70 से 90 किमी है.
- साढ़े चार मीटर लंबी मिसाइल का वजन करीब तीन टन है और यह 70 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है.
- बराक-8 मिसाइल बहुउद्देशीय निगरानी और खतरे का पता लगाने वाली राडार प्रणाली से सुसज्जित है.
- रक्षा सूत्रों के अनुसार राडार से संकेत मिलते ही इस मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा में मानव रहित विमान बंशी के साथ उड़ते लक्ष्य पर वार किया.
- इससे पहले भी 30 जून और पहली जुलाई को ''बराक-एट'' मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.
- भारतीय नौसेना ने 30 दिसंबर, 2015 को आईएनएस कोलकत्ता से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल एलआर-सैम का सफल परीक्षण किया था.
- मिसाइलों को बनाने में बीईएल, एलएंडटी, बीडीएल, टाटा समूह और कई अन्य कंपनियों ने अपना सहयोग दिया.
- बराक-8 सिस्टम का अगला परीक्षण भारतीय पोत आईएनएस कोलकाता इस वर्ष दिसंबर में किए जाने की संभावना है.
- आइएनएस कोलकाता पर लॉन्चर और मिसाइलों का पता लगाने के लिए रडार पहले ही तैनात किए जा चुके हैं.
- रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO), इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI), इजरायल्स एडमिनिस्ट्रेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल और अन्य कंपनियों द्वारा इस मिसाइल का संयुक्त रूप से विकास किया जा रहा है.
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) को मिसाइल उत्पादन का काम सौंपा जाएगा.
- शुरुआती 32 मिसाइल आईएनएस कोलकाता पर तैनात की जाएंगी.
- सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिक प्रणाली देश के तटवर्ती गैस क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात की जाएगी.
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