पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि ने 25 सितम्बर 2017 को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के रूप में शपथ ग्रहण की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. राजीव महर्षि ने शशिकान्त शर्मा की जगह ली है. शशिकान्त शर्मा ने 23 मई 2013 को कैग का पद संभाला था. उनका कार्यकाल 23 सितंबर 2017 को पूरा हो गया.
कैग के रूप में राजीव महर्षि का कार्यकाल तीन साल का होगा. कैग की नियुक्ति छह साल या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक की जाती है. राजीव महर्षि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले गृह सचिव बने जिन्होंने अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया.
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राजीव महर्षि के बारे में:
• राजीव महर्षि का जन्म 8 अगस्त 1955 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था.
• राजीव महर्षि 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.
• उनकी नियुक्ति वर्ष 2015 में गृह सचिव के रूप में हुई थी.
• गृह सचिव से पूर्व वे वित्त सचिव के रूप में कार्यरत थे.
• वे वर्ष 2013 में राजस्थान के मुख्य सचिव भी नियुक्त किये गये थे.
• उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक (इतिहास) तथा स्नातकोत्तर (इतिहास) भी किया है.
• उन्होंने स्ट्रेथक्लाइड बिजनेस स्कूल, ग्लासगो से बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल की है.
• उन्होंने रसायन और उर्वरक विभाग तथा विदेश मामलों के विभाग में सचिव पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं.
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग):
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में 'कैग' का प्रावधान है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों और उनके द्वारा नियंत्रित संस्थानों के आय-व्यय की जाँच करता है. यही संस्था सार्वजनिक धन की बर्बादी के मामलों को समय-समय पर प्रकाश में लाता है. वर्ष 1948 में पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) वी. नरहरि राव बने थे.
नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है. कैग का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र, जो भी पहले होगा, उस अवधि को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है. भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय 09 दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है.
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