डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत शासनादेश के तहत सरकार ने अपने सभी अधिकारियों के साथ सुरक्षित संवाद स्थापित करने के लिए सुरक्षित ई-मेल सेवा प्रदान करने का निर्णय लिया. फिलहाल यह सेवा 50 लाख उपयोगकर्ताओं को दी जाएगी. इस समय उपयोगकर्ताओं आधार 16 लाख है.
सरकार की ई-मेल नीति के अनुसार नेशनल इन्फॉरमेटिक्स सेंटर के जरिये केन्द्र और राज्य में सभी सरकारी अधिकारियों को एक ई-मेल आईडी दिया जाएगा.
सेवा संबंधी प्रस्ताव
• यह सरकार द्वारा अपने किस्म की सबसे बड़ी सेवा है जिसका उपयोगकर्ता आधार 50 लाख है.
• सुव्यवस्थित ब्राउज़र इंटरफेस के साथ उपयोगकर्ता को शानदार अनुभव प्राप्त होगा जिसमें स्वाभाविक संवाद; लिखने का बहुमूल्य अधिकार, ड्रैग एंड ड्रॉप; अत्याधुनिक और रुचि के अनुसार फिल्टर तैयार करने, ई-मेल और वॉयस मेल संदेशों के बड़े इनबॉक्स का प्रबंध और सर्च, मल्टीपल कैलेंडर, सम्पर्क और कार्य सूची की सुविधा प्रदान की जाएगी.
• जियो फेंसिंग और डिवाइस मैपिंग के साथ उपयोगकर्ता के लिए परिष्कृ्त सुरक्षा अधिप्रमाणन तंत्र स्थापित किया जायेगा.
• सरकार में केन्द्रीकृत ई-मेल संरचना से सरकारी आंकड़ों के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित हो सकेगा.
• यह प्राइमरी डोमेन “@gov.in” और स्थानीय भाषा और भारत सरकार के डोमेन को शामिल करने के लिए एक रोडमैप है.
टिप्पणी
यह सेवा कार्य क्षमता बढ़ाएगी और “ग्रीन गवर्नमेंट” की दिशा में एक कदम होगी क्योंकि सभी सरकारी संवाद ईमेल का इस्तेमाल करते हुए किए जाएंगे. सेवा को कुछ चुने हुए उपयोगकर्ता आधार पर चलाया जा रहा है जिसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
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