अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) द्वारा कजाखिस्तान में 29 अगस्त 2017 को यूरेनियम बैंक आरंभ किया गया. यह निम्न संवर्धित यूरेनियम बैंक है जिसे वैश्विक सहयोग के लिए आरंभ किया गया है.
इस यूरेनियम बैंक का उद्देश्य विश्व के विभिन्न देशों को किसी भी कारण उत्पन्न हुई बाधा के बावजूद परमाणु ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित जानकारी के अनुसार, परमाणु ईधन रिज़र्व हाल ही में खोला गया है.
मुख्य बिंदु
• इसमें 90 टन निम्न संवर्धित यूरेनियम (एलईयू) का भंडारण किया जाएगा.
• यह लाइट वॉटर न्यूक्लियर रिएक्टरों के लिए ईधन बनाने की जरूरी सामग्री है. यह रिएक्टर बिजली पैदा करते हैं.
• एलईयू आमतौर पर खुले बाजार या देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते के तहत खरीदा जाता है.
• यूरेनियम बैंक एलईयू की आपूर्ति को सुचारु रखने के उद्देश्य से खोला गया है.
• अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि यह भंडारण उन स्थितियों के लिए है जिसमें संयुक्त राष्ट्र का कोई सदस्य देश किसी वजह से परमाणु ईधन हासिल नहीं कर सकता.
वैश्विक उपयोग के अनुरूप 90 टन का रिज़र्व कम हो सकता है लेकिन इससे किसी बड़े शहर के लिए तीन साल तक बिजली पैदा की जा सकती है. इस परियोजना के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात एवं नॉर्वे द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गयी.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए)
एक स्वायत्त विश्व संस्था है जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है. यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है. इस संस्था का गठन 29 जुलाई, 1957 को हुआ था. इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है. संस्था ने वर्ष 1986 में रूस के चेरनोबल में हुई नाभिकीय दुर्घटना के बाद अपने नाभिकीय सुरक्षा कार्यक्रम को विस्तार प्रदान किया. आईएईए प्रत्यक्ष रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन नहीं है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation