उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि रिकार्ड को आधार कार्ड के साथ जोड़ने की घोषणा की है. यूपी सरकार के कार्यकाल के छह महीने पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितम्बर 2017 को लखनऊ में यह घोषण की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार सरकार ने बेनामी भूमि के हस्तांतरण और विक्रय पत्रों में धांधली रोकने हेतु भूमि रिकार्ड को आधार कार्ड के साथ जोड़ने का कदम उठाया है. जमीन के रिकॉर्ड आधार कार्ड से लिंक करने के बाद बेनामी संपत्तियों जमीन की सौदेबाजी में होने वाली धांधली और भ्रष्टाचार पर आसानी से रोक लगी जा सकेगी.
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इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार ने एक पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है. केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के साथ ही प्रदेश में जमीन की खतौनी आधार कार्ड नम्बर के उल्लेख के साथ जारी करने की प्रक्रिया का आरम्भ कर दिया जाएगा.
प्रमुख तथ्य-
उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह माह की अवधि में जमीन के अवैध कब्जे संबंधी एक लाख 57 हजार शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
राज्य में जमीन संबंधी विवाद मुकदमेबाजी के प्रमुख कारणों में से एक है.
जमीन के अवैध कब्जे और कूट रशीद खरीद-फरोख्त की वजह से लाखों मुकदमें विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं.
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टिप्पणी-
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला भू-अभिलेखों के रख-रखाव संबंधी व्यवस्था में यह एक स्वागत योग्य कदम है. इस प्रक्रिया के आरम्भ होने से जहां जमीनों पर अवैध कब्जे के मामलों में अकामी आएगी, वहीँ सरकार को भी आर्थिक रूप से लाभ होगा. दूसरी ओर न्यायालयों में भी संपत्ति के विवादों में कमी आएगी. इससे न्यायालय का समय बचेगा और अन्य महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया जा सकेगा.
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