प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दक्षिण कोरिया के साथ दोहरे कर से बचने (Double Taxation Avoidance Agreement, DTAA) और आय पर राजकोषीय कर वंचना की रोकथाम के बारे में संशोधित समझौते को 6 मई 2015 को मंजूरी प्रदान की. द्विपक्षीय DTAA पर दोहरे कराधान से बचने और दोनों ही देशों के नागरिकों के लिए आमदनी पर करों के संदर्भ के साथ राजकोषीय अपवंचन को रोकने हेतु 1985 में हस्ताक्षर किया गया था.
दोहरे कराधान से बचाव समझौते (DTAA) की विशेषताएं
• इसका प्राथमिक उद्देश्य भारत और दक्षिण कोरिया के निवासियों के लिए कर स्थिरता लाना और आपसी आर्थिक सहयोग की सुविधा प्रदान करना है. इसके अलावा यह दोनों देशों के बीच निवेश, प्रौद्योगिकी और सेवाओं के प्रवाह को भी प्रोत्साहित करेगा.
• यह पूंजीगत लाभ के स्रोत आधारित कराधान, आर्म लेंथ प्रिंसिपल के आधार पर संबद्ध उद्यमों के लाभ को समायोजित करना और शिपिंग आमदनी का निवास के आधार पर कराधान की सुविधा प्रदान करता है.
• यह तकनीकी सेवाओं के लिए लाभांश, ब्याज और रॉयल्टी एवं शुल्क के कर दरों का पुनर्गठन करता है.
• यह कर अधिकारियों के बीच करों के संग्रह में जानकारी और सहायता के प्रभावी विनिमय को सक्षम बनाता है.
• यह समझौते के तहत लाभ प्रावधानों की सीमा को शामिल करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ दोनों देशों के वास्तविक निवासियों को ही मिल रहा है.
हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच निवेश के प्रवाह और कामकाजी पेशेवरों की आवाजाही में हुई बढ़ोतरी की वजह से समझौते में संशोधन जरूरी हो गया था.
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