केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने 6 दिसंबर 2013 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में परिवर्तन करते हुए गैरसूचीबद्ध कंपनियों को विदशों में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की अनुमति प्रदान की. वर्तमान समय में गैरसूचीबद्ध कंपनियों को भारतीय बाजार में सूचीबद्ध हुए बिना विदेशी बाजारों में सूचीबद्ध होने की अनुमति नहीं थी.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में किये गए परिवर्तन
• भारतीय बाजार में सूचीबद्ध हुए बिना गैरसूचीबद्ध कंपनिया विदेशो से पूंजी जुटा सकेंगी शुरुआत में यह अवधि दो वर्ष के लिए होगी.
• विदेशी ऋण का उपयोग विदेशो में अधिग्रहण के लिए भी करेंगी.
• सरकारी अधिसूचना के अनुसार विदेशो से जुटाई गयी पूंजी को अगर कंपनी 15 दिनों के भीतर उपयोग नहीं कर पाती तो उसे भारत में किसी अनुसूचित बैंक में खोले गए खाते में जमा कराना होगा.
• भारतीय कंपनिया उन्ही देशों के शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सकती है जिनका भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के साथ समझौता हो.
• यह नया परिवर्तन अभी दो वर्ष की अवधि के लिए होगा.
सूचीबद्ध कंपनी
वो कंपनी जिसका शेयर एक विशेष रूप से शेयर बाज़ार से क्रय और विक्रय किया जाता है. जिसके शेयर की कीमत शेयर बाज़ार में उद्धत होती है उसे सूचीबद्ध कंपनी कहते है.
गैरसूचीबद्ध कंपनी
वो कंपनी जिसके शेयर किसी भी शेयर बाजार में कारोबार नहीं करते साथ ही इनके शेयर आम जनता के लिए व्यापार के लिए उपलब्ध नहीं होते उन्हें गैरसूचीबद्ध कंपनी कहते है.
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