विश्व स्तर पर भ्रष्टचार से संबंधित रिपोर्ट बनाने वाली जर्मनी की गैर-सरकारी संस्था ट्रांस्पैरेंसी इंटरनेशनल (टीआईआई) के द्वारा 3 दिसंबर 2013 को जारी भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) में भारत 177 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है.
वर्ष 2013 हेतु जारी इस सूची में ब्रिक्स देशों में भारत की स्थिति सिर्फ रूस से बेहतर है. रूस का स्थान (127), है जबकि भारत का स्थान (94) है. चीन (80वें), दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील (72वे) स्थान पर है. पाकिस्तान(127वें) और श्रीलंका (91वें) स्थान पर है.
अत्यधिक भ्रष्ट राष्ट्रों की सूची में भारत को शून्य से 100 के पैमाने पर 36 अंक प्राप्त हुए हैं. इस सूची में डेनमार्क और न्यूजीलैंड 91 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर है जबकि उसके बाद फिनलैंड 89 अंको के साथ तीसरे स्थान है. यह सूची 3 दिसंबर 2013 को जारी हुई.
सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में भ्रष्टाचार के मामले में अफगानिस्तान, ईरान, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश का प्रदर्शन भारत से ज्यादा खराब है. वर्ष 2013 की रैंकिंग में सोमालिया, दक्षिण कोरिया और अफगानिस्तान 8 अंकों के साथ सर्वाधिक भ्रष्ट देश माने गए हैं.
सीपीआई-2013 हेतु किए गए इस सर्वेक्षण में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तरों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी गई. इसमें शासन व व्यापारिक वातावरण में विशेषज्ञता रखने वाले 10 स्वतंत्र आकड़ा स्रोतों का इस्तेमाल किया गया.
वर्ष 2012 की सूची
वर्ष 2012 में भी भारत 176 देशों की सूची में 94वें स्थान पर था. वर्ष 2007 में पहली बार भारत को 180 देशों में 72वें स्थान पर रखा गया था और उसके बाद से देश के स्थान में गिरावट दर्ज की जा रही है. वर्ष 2010 में भारत का स्थान 87वां था.
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) ट्रांस्पैरेंसी इंटरनेशनल (टीआईआई) द्वारा वर्ष 1995 से जारी किया जा रहा है. यह एक समग्र सूचक है जो कि दुनिया भर के विभिन्न देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार को दर्शाता है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक गैर सरकारी संगठन है जो भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट जारी करता है. यह अपने भ्रष्टाचार धारणाएं सूचकांक हेतु सबसे अधिक जाना जाता है. इसका सचिवालय बर्लिन और जर्मनी में स्थित है. यह संगठन 100 से अधिक देशों में मौजूद है. यह संगठन वर्ष 1993 में अस्तित्व में आया था.
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