विगत वर्षों में अनियंत्रित वर्षा और जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) के कारण देश में लगातार सूखे की स्थिति के बीच केंद्र सरकार ने एक नई फसल बीमा योजना- ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को मंजूरी दी है.
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?..... इस योजना के जरिये अब किसान कम प्रीमियम देकर फसल बीमा का पूरा लाभ उठा सकते हैं. यह बहु-प्रतीक्षित योजना इस साल खरीफ सत्र से लागू होगी. नई योजना मौजूदा सरकारी बीमा योजनाओं के स्थान पर प्रारंभ की जाएगी, जिन्हें- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) ,के नाम से जाना जाता है.
उपरोक्त बीमा योजना को वृहद स्तर पर लागू करते हुए इसे फसल बीमा को बुवाई (फसल का प्रारंभ) से लेकर खलिहान (फसल की समाप्ति) तक को शामिल किया गया है. भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड के साथ विभिन्न निजी बीमा कंपनियों के माध्यम से इसको लागू किया जाना है.
किसानों को कितना निवेश करना होगा -
- उपरोक्त योजना के अनुसार किसानों को तिलहनी फसलों और अनाज (अनाज एवं तिलहन फसलों के बीमा के लिए अधिकतम दो प्रतिशत प्रीमियम के लिए निवेश करना होगा.
- बागवानी व कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत प्रीमियम के लिए निवेश करना होगा.
- किसानों को अनाज एवं तिलहन फसलें (रबी) के लिए मात्र डेढ़ प्रतिशत, जबकि अनाज एवं तिलहन फसलें (खरीफ) के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम हेतु निवेश करना होगा.
- इस योजना का आकर्षक पहलू यह है कि प्राकृति आपदा के कारण बुवाई न होने पर भी किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना है.
- इस योजना के मद में 17,600 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है.
- इस योजना में अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए रकबे का लक्ष्य 23 प्रतिशत से वढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाना है.
विशेष- इस योजना के अनुसार प्रीमियम क्लेम की 25 प्रतिशत रकम किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी. शेष राशि का भुगतान तीन महीनों की अवधि में किया जाना है. रकम का आधा हिस्सा राज्य सरकार एवं शेष हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाना है.
नई योजना के लाभ-
इस योजना से असुरक्षित कृषि इलाकों जैसे- पूर्वी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड, विदर्भ, मराठवाड़ा और तटीय क्षेत्रों से जुड़ें प्रदेशों के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
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