राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पांच सितारा होटलों, मॉल तथा अस्पतालों पर अपने परिसर में वर्षा जल संचय की व्यवस्था सही ढंग से न करने के लिए भारी जुर्माना लगाया. यह जुर्माना न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 12 मई 2015 को लगाया.
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद इन संस्थानों ने इस व्यवस्था को अपनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जोकि चिंता जनक है.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने होटलों और अस्पतालों को यह निर्देश दिया है कि भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की अनुमति के बिना भूजल का उपयोग नहीं करे और नियमों का पालन करें.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बीएम गुप्ता हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड, संतोम अस्पताल और जयपुर गोल्डन अस्पाताल पर पांच-पांच लाख रुपये तथा होली फेमिली अस्पताल पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
राष्ट्रीय राजधानी में भूजल स्तर के घटने पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हरी पैनल जेपी सिद्धार्थ और पिकाडेली होटल पर 7.50- 7.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, NGT)
पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन तथा व्यक्तियों एवं संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने या उससे संबंधित या उससे जुड़े मामलों सहित, पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्रगामी निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के अंतर्गत 18अक्टूबर 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गई. यह एक विशिष्ट निकाय है जो बहु-अनुशासनात्मक समस्याओं वाले पर्यावरणीय विवादों को संभालने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता द्वारा सुसज्जित है. अधिकरण, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया द्वारा बाध्य नहीं होगा, लेकिन नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा.
पर्यावरण संबंधी मामलों में अधिकरण का समर्पित क्षेत्राधिकार तीव्र पर्यावरणीय न्याय प्रदान करेगा तथा उच्च न्यायालयों में मुकदमेबाज़ी के भार को कम करने में सहायता करेगा. अधिकरण को आवेदनों या अपीलों के प्राप्त होने के 6 महीने के अंदर उनके निपटान का प्रयास करने का कार्य सौंपा गया है.
आरंभिक रूप से, एनजीटी को पांच बैठक स्थलों पर स्थापित करना प्रस्तावित है और वह स्वयं को अधिक पहुंच योग्य बनाने के लिए सर्किट प्रक्रिया का पालन करेगा. अधिकरण की बैठक का प्रधान स्थल नई दिल्ली होगा तथा भोपाल, पुणे, कोलकाता तथा चेन्नई अधिकरण की बैठकों के अन्य 4 स्थल होंगे.
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