जर्मनी के बॉन शहर में 23वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन आरंभ हुआ. इसमें 197 देशों के 25,000 लोग भाग ले रहे हैं. अमेरिका द्वारा अपना नाम वापिस लिए जाने के बाद यह सम्मेलन अपने-आप में अहम माना जा रहा है.
इस सम्मेलन में विश्व भर के पर्यावरण कार्यकर्ता, मंत्री तथा जानी-मानी हस्तियां शामिल हो रही हैं. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल तथा फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मेक्रोन भी इसमें शामिल होंगे.
बॉन में फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनीमारामा ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोकने के लिए हर हाल में कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “पृथ्वी पर सबसे ज्यादा खतरे में घिरे क्षेत्रों में से एक की ओर से आपको शुभकामनाएं.”
23वें बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की विशेषताएं
• बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन किसी बिल्डिंग में न होकर राइन नदी के किनारे खुले मैदान में हो रहा है.
• इस सम्मेलन के आयोजन पर जर्मनी सरकार 880 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
• विभिन्न देशों से आये अतिथियों के लिए यहां 9 हज़ार होटल बेड की बुकिंग हो चुकी है.
• बॉन सम्मेलन में प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग नहीं किया जा रहा, इसके स्थान पर ईको-फ्रेंडली बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
• सम्मेलन में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने –जाने के लिए साइकिलों की व्यवस्था की गयी है.
• अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां किसी प्रकार के कागज़ का उपयोग नहीं किया जा रहा है.
• इसके अतिरिक्त इस वर्ष के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में 60 प्रतिशत भोजन शाकाहारी रखा गया है जबकि पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में 30 प्रतिशत भोजन शाकाहारी था.
टिप्पणी
पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मलेन में यह तय किया गया था कि पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखा जाये ताकि विश्व को विभिन्न त्रासदियों से बचाया जा सके. इस सम्मेलन का लक्ष्य पेरिस जलवायु सम्मेलन के तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए योजना पर चर्चा करना होगा. सदस्य देश यदि इस सम्मेलन में ड्राफ्ट तैयार कर पाते हैं तो सम्मेलन को सफल माना जा सकता है.
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