केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 नवम्बर 2017 को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि आदि क्षेत्रों में आपसी लाभ के लिए भारत और बेलारूस के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के लिए मंजूरी दी. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
मंत्रिमंडल ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि आदि क्षेत्रों में पारस्परिक लाभ के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) और बेलारूस के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (एनएसबी) के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है.
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मुख्य तथ्य:
- यह समझौता बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की यात्रा के दौरान 12 सितम्बर 2017 को नई दिल्ली में किया गया था.
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य भारत और बेलारूस से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों की पहचान, मूल्यांकन, विकास और व्यावसायीकरण करना है.
- यह दोनों देशों में वैज्ञानिक और आर्थिक लाभ के लिए अनुसंधान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, दौरों का आदान-प्रदान और संयुक्त कार्यशालाओं के माध्यम से संस्थाओं को सहयोग करेगा जिसका परिणाम वैज्ञानिक एवं आर्थिक लाभ के रूप में होगा.
भारत और बेलारूस संबंध:
भारत और बेलारूस के बीच द्विपक्षीय संबंध हैं. दोनों देश मिलकर व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग संबंधी भूमिका को और सुदृढ़ कर रहे हैं. भारत और बेलारूस किसी भी प्रकार के विद्यमान व्यापार प्रतिबंधों को समाप्त करने तथा व्यापार में अतिरिक्त अवरोधों को उत्पन्न होने से बचने के लिए साथ मिलकर कार्य कर रहे है. भारत और बेलारूस तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना, विशेषकर ऊर्जा, ऊर्जा के नए तथा नवकरणीय स्रोतो, अंतरिक्ष, रसायन उद्योग, विशेष वाहनों सहित आटोमोटिव उद्योग, परिवहन और औद्योगिक अवसंरचना, टिंबर प्रसंस्करण, आतिथ्य तथा होटल व्यवसाय और निर्माण क्षेत्र में भी मिलकर कार्य कर रहे है.
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