देश में अपनी तरह का पहला हथियार संग्रहालय ओडिशा के चांदीपुर बनाया गया. संग्रहालय में विजयंता टैंक भी सम्मिलित है जिसने 1971 के भारत -पाकिस्तान युद्ध में बड़ी भूमिका अदा की. यह संग्रहालय डीआरडीओ के चांदीपुर स्थित साक्ष्य एवं प्रयोगात्मक प्रतिष्ठान में स्थापित किया गया है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष और रक्षा सचिव डॉ. एस क्रिस्टोफर ने 7 नवंबर 2017 को संग्रहालय का उद्घाटन किया. डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा सचिव ने भारत में निर्मित पहली स्वदेशी डिजाइन वाली लंबी रेंज की सब-सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय के परीक्षण में भी उपस्थित रहे.
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पीएक्सई के निदेशक आर अपूर्वराज के अनुसार ‘शुरूआत में लोगों के लिए संग्रहालय में भारतीय वायुसेना और नौसेना के इस्तेमाल किये गए 14 किस्म के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन किया गया. भविष्य में भी अन्य प्रकार के हथियारों को प्रदर्शित किया जाएगा.
संग्रहालय की विशेषता-
- संग्रहालय का मुख्य आकर्षण विजयंता टैंक है जिसकी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका थी.
- टैंक की क्षमता पांच किलोमीटर तक दुश्मनों के बंकर और सैनिकों को निशाना बनाने की है.
- संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए लगाए गए तोपखाने और नौसेना के अन्य सैन्य उपकरणों में डब्ल्यूएम- 18 रॉकेट लांचर, इंडियन फिल्ड गन, 122 एमएम ग्रेड बीएम-21 रॉकेट लांचर, 57 एमएम एंटी टैंक गन और 40 एमएम का लाइट गन है.
इस तरह के संग्रहालय से युवाओं के मध्य ज्ञान बढ़ाने और गर्व की भावना भरने तथा देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा हेतु प्रयोग होने वाले हथियारों के बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है.
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