अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 5 सितम्बर 2017 कोम ओबामा के कार्यकाल के समय बनी एक एमनेस्टी कार्यक्रम को रद्द कर दिया. यह कार्यक्रम अमेरिका में अवैध रूप से बच्चों के रूप में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को वर्क परमिट प्रदान करता था.
इससे 800,000 कामगारों पर असर पड़ेगा, जिनके पास सही दस्तावेज नहीं हैं. इसमें 7000 से अधिक अमेरिकी भारतीय शामिल हैं. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने कहा कि डीएसीए (डिफर्ड एक्शन फॉर चिल्ड्रन अरायवल) नामक कार्यक्रम जो कि ओबामा प्रशासन में प्रभाव में आया था, उसे रद्द किया जाता है. उन्होंने इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों को पूरा करने वाली प्रवासियों की एक कानूनी व्यवस्था बनाने के लिए, यहां आने की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा सकता.
कई दिनों से ट्रंप प्रशासन की ओर से इस घोषणा की अपेक्षा की जा रही थी. डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से यह फैसला किए जाने के बाद से ही पूरे देश में इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. व्हाइट हाउस के बाहर भी सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए, जिन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को अमानवीय, ग़लत औऱ क्रूर बताया है. मैक्सिको ने भी इस फैसले को गलत करार दिया है.
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