विश्व में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे जनसंख्या के दबाव तथा कम हो रहे धरातल के रहते फ्रांस के शोधकर्ताओं ने इसका हल ढूंढ निकाला है. फ़्रांस की सरकार ने शोधकर्ताओं के साथ मिलकर प्रशांत महासागर पर तैरता हुआ शहर बनाने का निर्णय लिया है.
फ्रांस के दक्षिण प्रशांत सागर में विश्व का यह पहला तैरता हुआ शहर निर्मित किया जायेगा. एक ओर जहां इसकी तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं वहीँ इसे आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है.
तैरते हुए शहर की विशेषताएं
• फ्रेंच पॉलीनेशिया सरकार द्वारा इस शहर को तैयार किया जायेगा जिसे विश्व में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
• दक्षिण प्रशांत सागर में 118 द्वीपों का एक समूह है और जलस्तर बढ़ने के कारण इन द्वीपों के डूबने का खतरा बढता जा रहा है. इसी कारण इन द्वीपों के आसपास ऐसे शहर बनाने की तैयारी की जा रही है जो समंदर में तैरते रहेंगे.
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• फ्रेंच सरकार द्वारा आशा जताई गई कि वे इसे वर्ष 2020 तक तैयार कर लेंगे तथा पहले वर्ष यहां 250 से 300 लोगों के रहने की वयवस्था की गयी है. जबकि, वर्ष 2050 तक हजारों लोग यहां रहने लग सकते हैं.
• इस शहर को इस प्रकार से डिज़ाइन किया जा रहा है, जिससे अगले 100 वर्षों तक इस शहर में किसी भी तरह के निर्माण की आवश्यकता न हो.
• विश्व के इस पहले तैरते हुए शहर को की स्थापना के लिए फ्रांस की पॉलीनेशिया सरकार और सेस्टेडिंग इंस्टीट्यूट के बीच जनवरी 2017 में समझौता हुआ.
• इस शहर में खेती, खेती, स्वास्थ्य देखभाल, मेडिकल रिसर्च सेंटर और टिकाऊ ऊर्जा देने वाले पावर हाउस भी होंगे. यहां होटल, रेस्टोरेंट और दफ्तरों का भी निर्माण किया जाएगा.
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