केंद्र सरकार ने वर्चुअल या आभासी मुद्राओं की मौजूदा रूपरेखा पर गौर करने के उद्देश्य से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने विशेष सचिव (आर्थिक मामले) की अध्यक्षता में एक अंतर-अनुशासन समिति गठित की है, जिसमें आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग (सीबीडीटी), वित्तीय सेवा विभाग, गृह मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नीति आयोग और भारतीय स्टेट बैंक का प्रतिनिधित्व है.
समिति की अध्यक्षता आर्थिक मामलों के विशेष सचिव शक्तिकांत दास करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में बिटक्वॉइन समेत अन्य वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की थी.
यह समिति देश और विदेश में वर्चुअल मुद्राओं की मौजूदा स्थिति का जायजा लेगी. वर्चुअल मुद्राओं से संबंधित मौजूदा वैश्विक नियामकीय तथा कानूनी संरचनाओं पर गौर करेगी, इस तरह की वर्चुअल मुद्राओं से निपटने के उपाय सुझाएगी, जिनमें उपभोक्ता संरक्षण, मनी लांड्रिंग इत्यादि से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं.
साथ ही वर्चुअल मुद्राओं से संबंधित ऐसे किसी भी मसले पर गौर करेगी, जो प्रासंगिक हो सकते हैं. मंत्रालय ने समिति से तीन महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
वर्चुअल या आभासी मुद्राओं, जिन्हें डिजिटल या क्रिप्टो मुद्राएं भी कहते हैं, का प्रचलन चिंता का विषय है. इन मुद्राओं को लेकर समय-समय पर विभिन्न मंचों पर चिंता जताई गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बिटक्वाइंस समेत वर्चुअल मुद्राओं के उपयोगकर्ताओं (यूजर्स), धारकों एवं कारोबारियों को इनसे जुड़े संभावित वित्तीय, कानूनी, परिचालनात्मक, उपभोक्ता संरक्षण और सुरक्षा जोखिमों को लेकर सूचित किया है.
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