भारत में 9 अगस्त 2017 को भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह मनाया गया. संसद के दोनों सदनों में भारत छोड़ो आंदोलन के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्योक्ष सोनिया गांधी ने सदन को संबोधित करते हुए भारत छोड़ो आंदोलन की याद दिलायी.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की चिंगारी छेड़ी थी. भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में इस आंदोलन की अहम भूमिका मानी जाती है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सबको मिलकर गरीबों का अधिकार दिलाना होगा. साथ ही नौजवानों को रोजगार देंगे औऱ देश से भ्रष्टाचार को दूर करेंगे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की चिंगारी छेड़ी थी. भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में इस आंदोलन की अहम भूमिका मानी जाती है. इस ख़ास मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस आंदोलन को 75 साल हो गए हैं, देश के स्वतंत्रता में इसका काफी महत्व था.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 1857 से वर्ष 1947 तक आजादी के आंदोलन के अलग-अलग पड़ाव आए, देश के सभी लोगों को ये घटनाएं याद हैं. इस आंदोलन ने आजादी का रास्ता तैयार किया था. वर्ष 1857 का संग्राम देश के हर कोने में लड़ा गया, उसके बाद महात्मा गांधी का भारत लौटना, उनका डांडी मार्च करना, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इसमें अहम योगदान दिया था. नरेंद्र मोदी ने कहा की हमें मिलकर काम करने की जरुरत है और वर्ष 2022 तक भारत को गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, सांप्रदायिकता से मुक्त कराना हैं.
भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में:
• भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय आरम्भ किया गया था.
• यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था.
• यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था.
• यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक 17 साल बाद 9 अगस्त 1942 को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ.
• यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था.
• भारत छोड़ो आन्दोलन या अगस्त क्रान्ति भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की अन्तिम महान लड़ाई थी, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव को हिलाकर रख दिया.
• भारत छोड़ो आन्दोलन मूल रूप से एक जनांदोलन था, जिसमें भारत का हर जाति वर्ग का व्यक्ति शामिल था.
• इस आन्दोलन ने युवाओं को एक बहुत बड़ी संख्या में अपनी ओर आकृष्ट कर लिया. युवाओं ने अपने कॉलेज छोड़ दिये और वे जेल का रास्ता अपनाने लगे.
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