लोकसभा द्वारा 02 अगस्त 2017 को केंद्रीय माल और सेवा कर (जम्मू कश्मीर पर विस्तार) विधेयक 2017 और एकीकृत माल और सेवा कर (जम्मू कश्मीर पर विस्तार) विधेयक 2017 को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान की गयी.
सदन की इस मंजूरी से जीएसटी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू हो गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कदम से देश के अन्य हिस्सों के साथ राज्य की व्यापक आर्थिक एकजुटता सुनिश्चित हो सकेगी. अरुण जेटली ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा का अर्थ आर्थिक रुकावट पैदा करना नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी राज्य के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के हित में है.
पहले विधेयक से जम्मू एवं कश्मीर में केन्द्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक, 2017 को जम्मू कश्मीर तक विस्तार प्रदान किया गया है ताकि जो व्यवस्था देश के बाकी राज्यों में है वह जम्मू-कश्मीर में भी हो सके. इसी प्रकार दूसरे विधेयक एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) विधेयक, 2017 को भी जम्मू एवं कश्मीर तक विस्तार प्रदान किया गया.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने इससे पहले सेंट्रल जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी बनाने के लिए नियमों को लागू किया था. यह अंतरराज्यीय वाणिज्य से संबंधित है जो सभी राज्यों के लिए मान्य होगा. हालांकि इस विधेयक के प्रावधान देश के अन्य राज्यों की भांति जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं थे क्योंकि जम्मू कश्मीर को विशेष संवैधानिक राज्य का दर्जा प्राप्त है. इन संवैधानिक व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में जीएसटी की शुरूआत के संबंध में दो अध्यादेशों को लागू किया था.
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