भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का 16 सितंबर 2017 को निधन हो गया. वे 98 वर्ष के थे. निधन से कुछ समय पूर्व ही उन्हें दिल्ली के आर-आर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी में कहा गया कि एयर मार्शल को हृदयघात के कारण रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनसे मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, जनरल बिपिन रावत, एडमिरल सुनील लांबा और एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिहं धनोआ अस्पताल पहुंचे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जन सिंह के निधन पर शोक व्यंक्तप करते हुए कहा, "भारत वायुसेना के मार्शल के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर दुख प्रकट करता है. हम देश के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवा को याद करते हैं. भारत 1965 में अर्जन सिंह के शानदार नेतृत्व को कभी नहीं भूलेगा."
एयर मार्शल अर्जन सिंह के बारे में
• एयर मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश भारत के लायलपुर, जिसे अब पाकिस्तान में फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है, में हुआ था.
• अर्जन सिंह की आरम्भिक शिक्षा ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान में) में मांटगोमरी में हुई.
• उन्होंने 1938 में रॉयल एयर फ़ोर्स कॉलेज, क्रैनवेल में प्रवेश किया और दिसंबर 1939 में एक पायलट अधिकारी के रूप में नियुक्ति पाई.
पानागढ़ एयरबेस का नाम बदलकर पूर्व वायुसेना प्रमुख अर्जन सिंह के नाम पर रखा गया
• वर्ष 1944 में सिंह ने भारतीय वायुसेना की नंबर एक स्क्वाड्रन का अराकन अभियान के दौरान नेतृत्व किया. वर्ष 1944 में उन्हें प्रतिष्ठित फ्लाइंग क्रॉस (डीएफसी) से सम्मानित किया गया.
• वे वर्ष 1964 के दौरान वायुसेना प्रमुख बने, उस समय उनकी आयु महज 44 वर्ष थी.
• उन्होंने वर्ष 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग के दौरान वायु सेना की कमान संभाली.
• अर्जन सिंह स्विटज़रलैंड में भारत के राजदूत रहे और केन्या में उच्चायुक्त पद पर रहे. वर्ष 1989 से 1990 के बीच वे दिल्ली के उप-राज्यपाल भी रहे.
• अर्जन सिंह को उनके असाधारण योगदान के लिए 2002 में एयर फोर्स का मार्शल बनाया गया.
• वायु सेना के किसी भी अधिकारी को पहली बार फाइव स्टार रैंकिंग दी गई थी.
• पाकिस्तान ने 1965 में ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया जिसमें उसने जम्मू कश्मीर के महत्वपूर्ण शहर अखनूर को निशाना बनाया, तब सिंह ने साहस, प्रतिबद्धता और पेशेवर दक्षता के साथ भारतीय वायु सेना का नेतृत्व किया था.
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