बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायवती ने 18 जुलाई 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वे सदन में बात न रख पाने के कारण नाराज़ थीं जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया.
इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “जब सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात कहने का भी समय नहीं दे रहा है तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है.” उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंपा. मायावती का राज्यसभा सदस्य कार्यकाल अप्रैल 2018 तक था.
मायावती सदन में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलितों के साथ हुए शोषण को लेकर बात उठाना चाहती थीं लेकिन उनके अनुसार उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया. सदन से बाहर आकर मायावती ने पत्रकारों से कहा कि सहारनपुर में हिंसा के बाद वे इजाजत लेकर वहां गई थीं. उन्हें हेलीकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी गई. बाद में वे सड़क मार्ग से सहारनपुर गईं. मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों पर अत्याचार के बाद हमें शब्बीरबुर जाने से रोका गया था.
पृष्ठभूमि
बीएसपी प्रमुख राज्यसभा में सहारनपुर हिंसा पर बोल रही थीं. इस दौरान उपसभापति पीजे कुरियन ने उनसे अपनी बात जल्द खत्म करने को कहा. इससे नाराज मायावती ने कहा कि जिस सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा, उसका सदस्य रहने का उन्हें कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी गई तो वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी. यह कहकर मायावती सदन से वॉक आउट कर गईं. उनके साथ ही पूरा विपक्ष भी खड़ा हो गया और कांग्रेस सदस्यों ने भी सदन से वॉक आउट कर दिया.
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