भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2017-18 में 6.7 फीसद की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी. यह अनुमान शोध संस्थान शोध संस्थान ओईसीडी की एक रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने आगामी वित्त वर्ष (2018-19) के अनुमान को भी कम कर 7.2 फीसद कर दिया. इस अवधि हेतु जून में जीडीपी का विस्तार 7.7 फीसद आंका गया था.
ओईसीडी ने यह अनुमानित आंकड़े नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कार्यान्वयन के कारण आए क्षणभंगुर प्रभाव के चलते व्यक्त किए है. इसी कारण ओईसीडी ने वर्ष 2017 के ग्रोथ अनुमान को अपेक्षाकृत कम करने पर जोर दिया.
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में 7.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान: आरबीआई
शोध संस्थान ओईसीडी के अंतरिम आर्थिक आउटलुक के अनुसार वर्ष 2017-18 में, भारत की विकास दर के जून के (7.3 फीसद) मुकाबले 6.7 फीसद रहने का अनुमान व्यक्त किया गया. लंबी अवधि में जीएसटी के कारण निवेश, उत्पादकता और विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
वस्तु एवं सेवा कर को पूरे देश में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया और नोटबंदी को 8 नवंबर 2016 में लागू किया गया. नोटबंदी के तहत 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य कर दिया गया.
ओईसीडी के अनुसार इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 3.5 फीसद और वर्ष 2018 में 3.7 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं मौद्रिक नीति के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मुद्रास्फीति 4 फीसदी से कम या आसपास रहती है भारत में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का प्रभाव
ओईसीडी-
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) पेरिस का एक शोध संस्थान (थिंक टैंक) माना जाता है.
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) 35 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है.
- ओईसीडी की स्थापना 1960 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु की गई.
- अधिकांश ओईसीडी सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिनकी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) बहुत उच्च हैं, और जिन्हें विकसित देशों के रूप में माना जाता है. ओईसीडी एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र प्रेक्षक है.
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) का मुख्यालय फ्रांस के पेरिस शहर में हैं.
- ओईसीडी को सदस्य देशों द्वारा प्राप्त योगदान से वित्त पोषित है. 2015 में इसका कुल बजट 363 लाख यूरो था.
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