प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जून 2017 को एक लाख फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया. प्रधानमंत्री ने बही-खातों में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को कड़ा संदेश देते हुए बताया कि नोटबंदी के दौरान लेन-देन में त्रुटि पाए जाने के बाद सरकार ने एक लाख से ज्यादा कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंस्टीट्यूट्स ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की 68वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार ने बड़े पैमाने पर डाटा माइनिंग का काम शुरू किया था. अब तक तीन लाख से ज्यादा ऐसी कंपनियों की पहचान की गई है जिनका लेन-देन शक के दायरे में है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे चार्टर्ड अकाउंटेंटों (सीए) को पहचानने, किनारे लगाने की जरूरत है. उन्होंने सीए समुदाय से क्लाइंटों की बजाय देश के हित में काम करने और देश के विकास में योगदान देने की अपील की.
गैर कानूनी काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और आने वाले दिनों में सरकार इनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करेगी.
कंपनी मामलों का मंत्रालय रिटर्न्स फाइल नहीं करने पर इन कंपनियों के खिलाफफ कार्रवाई कर चुका है और अब वह इन कंपनियों की लिस्ट लेकर बैंकों के पास जा रहा. दरअसल, सरकार की मंशा ऐसी कंपनियों को उन्हें अपने बैंक अकाउंट्स ऑपरेट करने या लोन लेने से रोकना है.
हालांकि, कुछ कंपनियों को बेनामी प्रॉपर्टी ऐक्ट के तहत भी कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है. शेल कंपनियों पर करारा प्रहार करने कंपनी मामलों का मंत्रालय और रेवेन्यू डिपार्टमेंट मिलकर काम कर रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इन गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए है. कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कम से कम दो लाख अन्य कंपनियों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने रिटर्न्स फाइल नहीं किए हैं.
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