राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में हिन्दुओं की स्थिति का पता लगाने के लिए तथा उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए अथवा नहीं यह अध्ययन करने के लिए तीन सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया गया.
यह अध्ययन भारत के आठ राज्यों में किया जायेगा जिनमें जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब भी शामिल हैं.
इस संबंध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद घयोरुल हसन रिज़वी ने मीडिया के साथ जानकारी साझा करते हुए कहा कि समिति अगले तीन महीनों में इस मामले की रिपोर्ट देगी. इस दौरान समिति इन राज्यों में हिन्दुओं की स्थिति को समझने के लिए विभिन्न प्रकार के अध्ययन करेगी तथा अपना मत प्रकट करेगी. यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने हेतु दायर एक याचिका के बाद लिया गया.
पृष्ठभूमि
• नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर याचिका रद्द कर दी.
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस मामले के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष अपील करनी चाहिए.
• याचिकाकर्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने के अपील की.
• याचिकाकर्ता द्वारा 1993 में केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन को भी असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 23 अक्टूबर 1993 में नोटिफिकेशन जारी कर मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया था.
यह भी पढ़ें: गाय से होने वाले लाभ पर अनुसंधान समिति गठित
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
भारत के गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 1978 की परिकल्पना के तहत अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की गई जिसमें विशेष रूप से उल्लेख किया गया था. वर्ष 1984 में कुछ समय के लिए अल्पसंख्यक आयोग को गृह म़ंत्रालय से अलग कर दिया गया था तथा कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत नए रूप में गठित किया गया. कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 23 अक्टूबर 1993 को अधिसूचना जारी कर अल्पसंख्यक समुदायों के तौर पर पांच धार्मिक समुदाय यथा मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध तथा पारसी समुदायों को अधिसूचित किया गया था. वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश की जनसंख्या में पांच धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिशत 18.42 है.
यह भी पढ़ें: भारत में 5जी सेवा उपलब्ध कराने हेतु सरकारी समिति गठित
Comments
All Comments (0)
Join the conversation