रख्यात शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी का 24 अक्तूबर 2017 की रात दिल का दौरा पड़ने से कोलकाता स्थित अस्पताल में निधन हो गया. उनकी अवस्था 88 वर्ष थी. उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी को ठुमरी की मलिका (ठुमरी क्वीन) कहा जाता था. आम लाग उन्हें प्रेम से अप्पाजी बुलाते थे. गिरिजा देवी को कोलकाता के बीएम बिरला हार्ट रिसर्च सेंटर में भर्ती करवाया गया था. ठुमरी गायन को लोकप्रिय बनाने में इनका अहम योगदान रहा.
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गिरिजा देवी के बारे में-
गायिका गिरिजा देवी का जन्म आठ मई 1929 को बनारस के निकट एक गांव में भूमिहार परिवार में हुआ. उनके पिता रामदेव राय जमींदार थे.
उनके पिता हारमोनियम बजाया करते थे औक उन्होंने गिरिजा देवी को संगीत सिखाया.
गिरिजा देवी शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत का गायन करतीं थीं.
गिरिजा देवी ने 5 साल की उम्र से गायक और सारंगी वादक सरजू प्रसाद मिश्रा, से ख्याल और टप्पा गायन की शिक्षा लेना शुरू की. 9 वर्ष की आयु में, फिल्म याद रहे में, अभिनय भी किया.
पुरस्कार और सम्मान-
बनारस घराने की गायिका को वर्ष 1972 में पद्श्री सम्मान से सम्मानित किया गया.
वर्ष 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
इसके साथ ही उन्हें 1977 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, वर्ष 2010 में संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप, 2012 में महा संगीत सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया. गिरिजा देवी को 2012 में गीमा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरिजा देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया. गायिका की संगीतमय अपील पीढ़ियों के भेद से ऊपर थी और भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा.
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