उपन्यासकार मैत्रेयी पुष्पा का उनके समग्र लेखकीय अवदान के लिए और मनोज रूपड़ा का कहानी लेखन के लिए वर्ष 2011 का वनमाली सम्मान हेतु चयन 8 फरवरी 2011 को किया गया. इस सम्मान के तहत समग्र लेखन के लिए 51000 रुपये की राशि व प्रशस्ति पत्र तथा कहानी लेखन के लिए 31000 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है. यह सम्मान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित भारत भवन मंज आयोजित एक समारोह में 5 मार्च 2011 को प्रदान किया जाना है. साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय वनमाली सृजन पीठ द्वारा यह सम्मान हर तीसरे वर्ष प्रदान किया जाता है. वनमाली सृजन पीठ की स्थापना जगन्नाथ प्रसाद चौबे की स्मृति में भोपाल में की गई थी.
मैत्रेयी पुष्पा अपने लेखन में स्त्री विमर्श और मौलिक अधिकारों को लेकर आवाज उठाती रही हैं. इनके नौ उपन्यास और तीन लघु कथा संग्रह प्रकाशित हुए हैं. मनोज रूपड़ा कहानी लेखन में बिल्कुल नए आग्रहों के साथ प्रवेश करने वाले प्रतिभाशाली रचनकार हैं.
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