एसएससी सीजीएल / सीएचएसएल में नियुक्ति के बाद पीजी और डॉक्टरेट करने के लाभ

Mar 31, 2017, 14:20 IST

इस लेख में, हमने कैरियर और कौशल विकसित करने के सभी पहलुओं को स्पष्ट किया है जो कि एसएससी सीजीएल/सीएचएसएल नौकरियों में संलग्न होने के बाद पीजी/डॉक्टरेट को करने के बाद दैनिक कर्तव्यों को पूरा करने में सहायक होगा। पूर्ण लेख पढ़ें

एसएससी अभ्यर्थियों को एक आकर्षक नौकरी प्रोफ़ाइल प्रदान करता है l सीजीएल प्रविष्टियों के माध्यम से अभ्यर्थियों को विभिन्न पद जैसे सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी, निरीक्षक (परीक्षक), सहायक (विदेश मंत्रालय / एएफएचक्यू)आदि आवंटित किए जाते हैं l  इन पदों पर कुछ हद तक कम काम करने का दबाव रहता है। ऐसे क्षेत्रों में कर्मचारी आगे पढ़ाई करने का चुनाव करते हैं और अक्सर भ्रमित हो जाते है कि उन्हें स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की पढ़ाई करनी चाहिए या नहीं।इसलिए हमने इस विषय पर चर्चा करके यह बताने का प्रयास किया है कि एसएससी सीजीएल या सीएचएसएल में नौकरी के दौरान पीजी और डॉक्टरेट किस प्रकार मददगार साबित होते हैं।

छात्र अक्सर स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू करते हैं और सरकारी सेवा में प्रवेश करने के बाद पीजी की शुरूआत करते हैं।एक स्नातकोत्तर या डॉक्टरेट डिग्री 2 साल की डिग्री है, जिसे आप अपनी स्नातक की डिग्री के बाद ही चुन सकते हैं।अधिकांश एसएससी नौकरियों के दौरान आप अपने काम के घंटों में से ही अध्ययन लिए कुछ समय निकाल सकते हैं। इससे छात्रों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने कार्यों को और अच्छे तरीके से करने में मदद मिलेगी।

एसएससी सीजीएल / सीएचएसएल के बाद पीजी / डॉक्टरेट के लाभ

  1. सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद के लिए मास्टर डिग्री या फिर एकाउंटस / वित्त / व्यापार आदि में पीजी डिग्री ज़रूरी है।यदि आप सहायक लेख परीक्षा अधिकारी पद के बाद पीजी की शुरूआत करते हैं तो यह आपके लिए वरदान साबित होगा।
  2. जब कोई अभ्यार्थी सीएचएसएल के माध्यम से प्रवेश करता है, तो उसके पास एक विशेष क्षेत्र में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए कई विकल्प होते हैं। यह उन्हें अन्य पदों के लिए योग्य बनायेगा और साथ ही वे कई ऐसे अन्य परीक्षाओं के लिए आवेदन भी भर सकते हैं, जिनमें पीजी की आवश्यकता होगी।
  3. सीजीएल के विषय में आप एक और तरीके से भी सोच सकते हैं जैसे कि आप दूसरे क्षेत्र में स्नातकोत्तर करके अपना क्षेत्र बदल सकते हैं । मान लीजिए कि आप विज्ञान के छात्र हैं और आपको ऐसी प्रोफ़ाइल मिलती है जिसमें एकाउंटस और अर्थशास्त्र ज्ञान की आवश्यकता है। फिर आप इस क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री की शुरूआत कर सकते हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों में आपकी अनुकूलन क्षमता बढ़ जाएगी। यह आपके वर्तमान कार्य प्रोफ़ाइल में अच्छा प्रदर्शन करने में आपकी मदद करेगा।
  4. यदि कोई व्यक्ति केवल डेस्क की नौकरी करने में रूचि रखता है तो उच्च शिक्षा प्राप्त करने से उसकी यह इच्छा पूरी होने की शत प्रतिशत संभावना है l
  5. यदि आप किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञ बनना चाहते हैं, तो आपके लिए पीएचडी करना सही रहेगा ।
  6. यदि आप अपनी स्नातक की नौकरी के साथ स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करते हैं, तो इससे आपको अधिक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  7.  स्नातकोत्तर आपके समय प्रबंधन, शोध, प्रस्तुति और लेखन कौशल में वृद्धि करेगा।इससे आपको नियमित रूप से काम करने में मदद मिलेगी और इससे आपको कार्य शैली से जुड़े नई चीजों के बारे में एक स्पष्ट जानकारी प्राप्त होगी।

एसएससी में शामिल होने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट करने का आपके पास एक उत्कृष्ट अवसर है।छात्रों को विश्लेषण करना चाहिए कि उनके लिए कौन सा क्षेत्र बेहतर है।पीजी फील्ड को चुनते समय उन्हें सही निर्णय लेना चाहिए।यहआपके कार्य प्रोफ़ाइल में मदद करेगा l यह आपके काम करने के तरीकों और सीखने की प्रवृति में सुधार करेगा। उपरोक्त तथ्य  केवल पढ़ने और विश्लेषण करने के लिए नहीं हैं, भविष्य के विकास के साथ साथ व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हेतु इनका मूल्यांकन किया जाना चाहिए।आपको ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो आपकी सरकारी नौकरी में रूकावट न बनें। हमेशा सर्वश्रेष्ठ विकल्प पर नज़र रखें।

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