आज हम आपको UP Board कक्षा 10 वीं विज्ञान अध्याय : अम्ल, क्षार व लवण के तीसरे भाग का स्टडी नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं। हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और झा भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| अम्ल, क्षार व लवण यूपी बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। इसलिए, छात्रों को इस अध्याय को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं विज्ञान बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1. विलयनों का लिटमस, मेथिल ऑरेंज तथा फीनॉललाफ्थालिन पर प्रभाव
2. अम्लों के रसायनिक गुण
3. साबुन के विलयन में बुलबुले उठने का कारण
4. अम्ल से धातुओं की अभिक्रिया
5. गैस के बुलबुलों के समीप जलती मोमबत्ती ले जाने पर क्या होता है
6. क्षारकों को जल में घोलने पर क्या होता है
7. अमलों तथा क्षारों के सम्बन्ध में प्राचीनतम विचार
निम्नलिखित विलयनों का लिटमस, मेथिल ऑरेंज तथा फीनॉललाफ्थालिन पर प्रभाव:
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, एसिटिक अम्ल, सोडियम हाइड्रोक्साइड, कैल्शियम हाइड्रोक्साइड, पोटैशियम हाइड्रोक्साइड, मैगनीशियम हाइड्रोक्साइड तथा अमोनियम हाइड्रोक्साइड|
विलयन | लाल लिटमस | नीला लिटमस |
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | लाल | लाल |
सल्फ्यूरिक अम्ल | लाल | लाल |
नाइट्रिक अम्ल | लाल | लाल |
ऐसीटिक अम्ल | लाल | नीला |
सोडियम हाइड्राक्साइड | नीला | नीला |
कैल्सियम हाइड्राक्साइड | नीला | नीला |
पौटेशियम हाइड्राक्साइड | नीला | नीला |
मैग्नीशियम हाइड्राक्साइड | नीला | नीला |
अमोनियम हाइड्राक्साइड | नीला | नीला |
विलयन | फिनालफ्थेलिन | मेथिल ऑरेंज |
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | रंगहीन | लाल |
सल्फ्यूरिक अम्ल | रंगहीन | लाल |
नाइट्रिक अम्ल | रंगहीन | लाल |
ऐसीटिक अम्ल | रंगहीन | लाल |
सोडियम हाइड्राक्साइड | गुलाबी | पीला |
कैल्सियम हाइड्राक्साइड | गुलाबी | पीला |
पौटेशियम हाइड्राक्साइड | गुलाबी | पीला |
मैग्नीशियम हाइड्राक्साइड | गुलाबी | पीला |
अमोनियम हाइड्राक्साइड | गुलाबी | पीला |
निम्नलिखित के रसायनिक गुण कुछ इस प्रकार हैं:
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, एसिटिक अम्ल, सोडियम हाइड्रोक्साइड, कैल्शियम हाइड्रोक्साइड, पोटैशियम हाइड्रोक्साइड, मैगनीशियम हाइड्रोक्साइड तथा अमोनियम हाइड्रोक्साइड|
विलयन | रासायनिक सूत्र |
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल | HCI |
सल्फ्यूरिक अम्ल | H2SO4 |
नाइट्रिक अम्ल | HNO3 |
ऐसीटिक अम्ल | CH3COOH |
सोडियम हाइड्राक्साइड | NaOH |
कैल्सियम हाइड्राक्साइड | Ca(OH)2 |
पौटेशियम हाइड्राक्साइड | KOH |
मैग्नीशियम हाइड्राक्साइड | Mg(OH)2 |
अमोनियम हाइड्राक्साइड | NH4OH |
कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर हम यहाँ प्रकाश डालेंगे :
(i) साबुन के विलयन में बुलबुले उठने का कारण : साबुन के विलयन का पृष्ठ तनाव अत्यन्त कम होता हैं| इसमें गैस प्रवाहित करने पर बुलबुले उत्पन्न होते हैं|
(ii) गैस के बुलबुलों के समीप जलती मोमबत्ती ले जाने पर क्या होता है: गैस के बुलबुलों के समीप जलती मोमबती ले जाने पर गैस धमाके की आवाज (pop-up sound) के साथ जलती है|
(i) अम्ल धातुओं से किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं?
(i) धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करने पर इससे हाइड्रोजन विस्थापित कर देती है तथा अम्लों के शेष भाग से संयुक्त होकर लवण बनाती हैं|
अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
(ii) जिंक तथा सल्फ्यूरिक अम्ल किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं?
(ii) जिकं स्ल्युरिक अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित करके जिंक सल्फेट बनाता हैं|
क्षारकों को जल में घोलने पर क्या होता है? आइए उदहारण के साथ देखें:
क्षारकों को जल में घोलने पर हाइड्राक्साइड (OH-) आयन उत्पन्न होते हैं|
उदाहरणार्थ-
अमलों तथा क्षारों के सम्बन्ध में प्राचीनतम विचार :
अम्ल (Acids) – अम्ल वे पदार्थ हैं जिनके जलीय विलयन निम्नलिखित विशिष्ट गुणधर्मों का पालन करते हैं-
(1) इनका स्वाद खट्टा होता है|
(2) ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं|
(3) ये सक्रिय धातुओं; जैसे जिंक, मैग्नीशियम आदि के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन देते हैं|
(4) ये विद्युत् का चालन करते हैं|
(5) ये क्षार के साथ अभिक्रिया करके अपना अम्लीय गुण खो देते हैं|
(6) ये धातु कार्बोनेटों के साथ अभिक्रिया करके कार्बन हाइड्राक्साइड देते हैं|
क्षार (Bases) – क्षार वे पदार्थ हैं जिनके जलीय विलयन निम्नलिखित विशिष्ट गुणधर्मों का पालन करते हैं-
(1) इनका स्वाद तीखा, कडवा होता है|
(2) ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं|
(3) इनका स्पर्श साबुन के समान चिकना होता है|
(4) ये विद्युत् का चालन होता है|
(5) ये अम्ल के साथ अभिक्रिया करके अपना क्षारीय गुण खो देते हैं|
अम्लों को इसमें उत्पन्न आयनों के आधार पर कुछ इसप्रकार परिभाषित किया जाता है :
एक अम्ल को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है की वह पदार्थ जिसमें हाइड्रोजन हो तथा जल में घोले जाने पर हाइड्रोजन आयन देता हो, अम्ल होता है| उदाहरणार्थ – HCI को जल में घोलने पर H+ (aq) तथा CI- (aq) आयन प्राप्त होते हैं|
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : अम्ल, क्षार व लवण, पार्ट-I
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : अम्ल, क्षार व लवण, पार्ट-II
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