आज हम यहाँ आपको UP Board कक्षा 10 विज्ञान के 11th अध्याय (कुछ लवणों के निर्माण की विधि, गुणधर्म एवं उपयोग) के तीसरे पार्ट का नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| हम इस चैप्टर नोट्स में जिन टॉपिक्स को कवर कर रहें हैं उसे काफी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और झा भी उदाहरण की आवश्यकता है वहाँ उदहारण के साथ टॉपिक को परिभाषित किया गया है| कुछ लवणों के निर्माण की विधि, गुणधर्म एवं उपयोग यूपी बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है। इसलिए, छात्रों को इस अध्याय को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए। यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं विज्ञान बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1.खाने का सोडा अथवा बेकिंग पाउड,
2. प्रमुख गुण (important properties),
3. उष्मा का प्रभाव, अम्लों से क्रिया,
4. उपयोग (uses),
5. फिटकरी (Alum), बनाने की विधि,
6. प्रमुख गुण (important properties),
7.उपयोग (uses)|
खाने का सोडा अथवा बेकिंग पाउडर :
प्रमुख गुण (important properties) :
भौतिक गुण (Physical properties ):
1. सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट या सोडियम बाइकार्बोनेट एक सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ है|
2. यह जल में अल्प मात्रा में विलेय है| इसका विलयन क्षारीय होता है|
3. इसे कच्चे दूध में मिलाने से दूध देर से फटता है|
रासायनिक गुण (chemical properties) :
1. ऊष्मा का प्रभाव – 100० तक गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट में अपघटित हो जाता है|
उपयोग (uses) : इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. पेट में अमलता हो जाने पर दवा के रूप में|
2. आग बुझाने वाले यंत्रों में|
3. शीतल पेय, सोडा वाटर तथा फ्रूट साल्ट बनाने में|
4. प्रयोगशाला में अभीकर्मक के रूप में|
5. डबल रोटी में प्रयुक्त बेकिंग पावडर बनाने में|
6. परिवार नियोजन के लिए झाग गोलियां तथा सेडलीट्स चूर्ण बनाने में|
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : अम्ल, क्षार व लवण, पार्ट-I
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : अम्ल, क्षार व लवण, पार्ट-II
फिटकरी (Alum):
रासायनिक नाम : पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट [अनुसुत्र : K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O]
फिटकरी पोटैशियम सल्फेट का डबल साल्ट(double salt) है|
बनाने की विधि-
1. पोटैशियम सल्फेट (K2SO4) तथा अल्युमिनियम सल्फेट [Al2(SO4)3] के मिश्रण के जलीय घोल का सांद्रण करने पर फिटकरी के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं|
इसके अनुरूप संरचना एवं गुणों वाले द्विक सल्फेटों को फित्कारियां कहते हैं| फिटकरी शब्द पोटाश ऐलम के लिए प्रयुक्त किया जाता है|
प्रमुख गुण (important properties) :
भौतिक गुण (physical properties):
1. फिटकरी एक रंगहीन, क्रिस्टल, अल्प पारदर्शक ठोस पदार्थ है|
2. फिटकरी में 24 अनु क्रिस्टलन जल होता है|
3. यह जल में विलेय है तथा इसका जलीय विलयन अम्लीय होता है|
रासायनिक गुण (chemical properties) :
1. ऊष्मा का प्रभाव : फिटकरी 90०C पर गर्म करने पर पिघल जाती है तथा 200०C पर इसका सम्पूर्ण क्रिस्टलन निकल जाता हैं| इस प्रकार एक सफ़ेद रंग का सरंध्र(porous) पदार्थ बन जाता है; दगध फिटकरी (burnt alum) कहते हैं|
रक्त तप्त ताप पर दग्ध फिटकरी विघटित हो जाती है|
2. कास्टिक सोडा से अभिक्रिया : फिटकरी का विलयन कास्टिक सोडा से क्रिया करके ऐलुमिनियम हाइड्रोक्साइड का सफ़ेद अवक्षेप देता है जोकि कास्टिक सोडा की अधिकता में घुल जाता है|
उपयोग (uses) : इसके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. बहते हुए रक्त को रोकने में|
2. जल के शोषण में|
3. कपड़ों की रंगे और छापी में|
4. चमड़ा तथा कागज़ ऊद्योग में इन्हें चिकना करने में|
5. आँखों की दवाई के रूप में|
6. जिवाणु-नाशक तथा पुतिरोधी के रूप में|
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