केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई 2014 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया. वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह पहला ‘आम बजट’ है.
आम बजट 2014-15: उद्योग एवं कॉर्पोरेट
• केंद्रीय सरकार के विभागों एवं मंत्रालयों को इस वर्ष के अंत तक प्राथमिकता के अधार पर सेवाओं के लिए ई-ब्रिज-एकल विंडो आईटी प्लेटफॉर्म से जोड़ना.
• राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा प्राधिकरण की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये.
• चेन्नई-बेंगलूरू औद्योगिक गलियारा क्षेत्र में 3 नये स्मार्ट शहरों की मास्टर योजना – तमिलनाडु में पोन्नेरी, आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम और कर्नाटक में तुमकुर.
• 20 नये औद्योगिक क्लस्टरों के प्रावधान वाले बेंगलूरू मुंबई आर्थिक गलियारा (बीएमईसी) हेतु संभावित योजना और विजाग-चेन्नई गलियारा.
• स्मार्ट शहरों पर बल देते हुए औद्योगिक गलियारों के विकास में तेजी.
• एक छत के नीचे सभी स्टेकहोल्डरों को लाने के लिए एक निर्यात संवर्धन मिशन की स्थापना का प्रस्ताव.
• उद्योगों एवं युवाओ को उत्तरदायी बनाने हेतु प्रशिक्षुता अधिनियम में संशोधन.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र
• रोजगार परक एवं उद्यम कौशलों पर बल देते हुए युवाओं के कौशल विकास के लिए कौशल भारत की शुरुआत करना.
• सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय अवसंरचना की जांच करने, बाधाओं को दूर करने और नए नियमों को तैयार करने और संचरनाओं के गठन किये जाने और तीन महीनों में ठोस सुझाव देने हेतु एक समिति का गठन किया जाना.
• उद्यम पूंजी निधियों, अर्ध-इक्विटी और कम ब्याज दर वाले ऋण और अन्य जोखिम पूंजी के माध्यम से खासकर युवाओं द्वारा नए आयोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इक्विटी उपलब्ध कराने हेतु 10000 करोड़ रुपये के आधारभूत निधि वाले निधियों की निधि की स्थापना का प्रावधान.
• रुपये 200 करोड़ की आधारभूत निधि वाले तकनीकी केंद्र नेटवर्क की स्थापना.
• उच्चतर पूंजी अधिकतम सीमा की व्यवस्था करने के लिए एमएसएमई की परिभाषा की पुनरीक्षा की जाएगी.
• विनिर्माण एवं सेवा सुपुर्दगी की बहुमुल्य श्रृंखला वाले अगले एवं पिछले संयोजन को बेहतर बनाने के लिए कार्यक्रम की स्थापना की जाएगी.
• लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए उद्यम अनुकूल विधिक दिवालिया फ्रेमवर्क का विकास किया जाना.
• उद्यमिता में तेजी हेतु नई अवधारणाओं एवं आवश्यक सहायता के ऊष्मामित्र के लिए एक राष्ट्रव्यापि “जिला स्तरीय ऊष्मामित्र एवं त्वरित कार्यक्रम” शुरू किये जाएंगे.
वस्त्र
• हथकरघा उत्पादों को विकसित करने एवं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार सुविधाकरण केंद्र एवं एक शिल्प संग्रहालय का स्थापना हेतु रुपये 50 करोड़ का प्रावधान, ताकि वाराणसी के हथकरघा की उच्च परंपरा को बढ़ावा मिले.
• वाराणसी एवं छह और स्थानों बरेली, लखनऊ, सूरत, कच्छ, भागलपुर और मैसूर में टेक्सटाइल मेगा-क्लस्टर विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन.
• दिल्ली में पीपीपी प्रणाली में हथकरघा/हस्तशिल्प क्षेत्र के संरक्षण, बहाली एवं प्रलेखन के लिए हस्तकला अकादमी की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये का आवंटन.
• पशमिना संवर्धन कार्यक्रम (पी-3) और जम्मू एवं कश्मीर के अन्य शिल्पों के विकास की शुरूआत के लिए 50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाना.
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