केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई 2014 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया. वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह पहला ‘आम बजट’ है.
आम बजट 2014-15: ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े मुख्य तथ्य
- हर गांव तक बिजली पहुँचाने हेतु 500 करोड़ रुपये.
- गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की दीन दयाल ग्राम ज्योतियोजना की घोषणा.
- सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना की स्थापना के लिए अपेक्षित मशीनरी एवं उपस्कर पर 5 प्रतिशत का रिआयती बुनियादी सीमा शुल्क.
- पवन चालित बिजली जेनरेटरों के बियरिंगो के विनिर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले फोर्जड स्टील रिंगों पर बुनियादी सीमा-शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत.
- पवन चालित जेनरेटरों के विनिर्माण के लिए अपेक्षित पुर्जों एवं कच्चे माल पर लगने वाले 4 प्रतिशत के विशेष अतिरिक्त शुल्क को छूट.
- कंप्रैस्ड बाओ गैस संयंत्रो की स्थापना के लिए अपेक्षित मशीनरी एवं उपस्कर पर 5 प्रतिशत का रिआयत बुनियादी सीमा-शुल्क.
- अंथ्रेसाइट कोयले, बिटुनिमस कोयले, कोकिंग कोयले, स्टीम कोयले पर लगने वाले शुल्क की तर्ज पर, शून्य से 2.5 प्रतिशत.
- धातुकर्म कोक पर बुनियादी सीमा-शुल्क, कोकिंग कोयले पर लगने वाले शुल्क की तर्ज पर, शून्य से 2.5 प्रतिशत.
- नवीकरण ऊर्जा विकसित करने के विभिन्न वस्तुओं को उत्पाद शुल्क से छूट.
ऊर्जा
- अल्ट्रा-माडर्न सुपर क्रीटीकल कोयला आधारित ताप विद्युत प्रौद्योगिकी नामक नई योजना के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
- घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं
- उन विद्युत संयत्रों को कोयले की पर्याप्त मात्रा प्रदान की जाएगी जो पहले से शुरु हो चुके हैं अथवा मार्च 2015 तक शुरु किए जाएंगे.
- कोयले को अधिक से अधिक ढ़ोने तथा विद्युत की लागत को कम करने के लिए कोयला संयोजन को तर्कसंगत बनाने के लिए एक प्रक्रिया चल रही है.
- राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश तथा लद्दाख में अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
- सौर विद्युत प्रेरक कृषि तथा जल पंपिंग स्टेशनों के लिए योजना हेतु 400 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
- नहरों के किनारे 1 मेगावाट के सौर पार्कों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
- देश में नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण को सुगम बनाने के लिए हरित उर्जा कोरीडोर परियोजना कार्यान्वित की जा रही है.
पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस
- कोल बैड मीथेन भंडारों का उत्पादन और दोहन तेज किया जाएगा.
- पुराने और बंद कुओं को दोबारा चालू करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग की संभावना खोजी जाएगी.
- मिशन मॉड में पीएनजी का प्रयोग तेजी से बढ़ाया जाएगा.
- उपयुक्त पीपीपी मॉडलों का प्रयोग करते हुए पाइपलाइनों को विकसित करने का प्रस्ताव.
खनन
- खनन क्षेत्र में निवेश को बढाने तथा संपोषणीय खनन प्रथाओं के संवर्धन के लिए, यदि आवश्यक हुआ, तो एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में परिवर्तन किए जाएंगे.
- 31.03.2017 तक विद्युत का उत्पादन, विवरण, और संप्रेषण शुरु करने वाले उपक्रमों को 10 वर्षों तक कारावकाश.
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