आम बजट 2014-15: बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र

Jul 10, 2014, 17:31 IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई 2014 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 जुलाई 2014 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया. वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह पहला ‘आम बजट’ है.

आम बजट 2014-15: बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र

वित्तीय क्षेत्र

•    भारतीय वित्तीय संहिता के अधिनियम के संबंध में सभी हितधारकों के साथ परामर्श की चल रही प्रक्रिया और वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) की रिपोर्टों को पूरा किया जाएगा.

•    भारतीय रिजर्व बैंक के साथ घनिष्ठ परामर्श से आधुनिक मौद्रिक नीतिगत रूपरेखा को तैयार किया गया.

•    पूंजी बाजारों को ऊर्जावान बनाने के लिए अग्रलिखित उपाय किये जाने हैं – समूचे द्वितीय क्षेत्र में एक समान केवाईसी मानदंडो एवं केवाईसी रिकार्डों की अंतर-उपयोगिता को प्रारंभ करना, एक सिंगल ऑपरेटिंग डिमेट खाते को प्रारंभ करना और पेंशन निधि तथा म्युचुअल फंड से जुड़ी सेवानिवृत्ति योजना के लिए एकसमान कर उपाय करना.

बैंकिंग

•    समाज के कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 15 अगस्त को वित्तीय समावेश मिशन नामक एक समयबद्ध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.

•    नम्य संरचना के साथ अवसंचपना क्षेत्र को दीर्धावधिक ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा.

•    बैंकों को न्यूनतम विनियमकारी पूर्व क्रय जैसे सीआरआर, एसएलआर तथा पाथमिकता-प्राप्त क्षेत्र उधार (पीएसएल) के साथ अवसंरचना क्षेत्र को उधार देने के लिए दीर्धावधिक निधियां जुटाने की अनुमति दी जाएगी.

•    छोटे बैंकों तथा अन्य अलग से निर्धारित किए गए बैंकों को लाइसेंसिंग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक रूपरेखा सृजित करेगा.

•    छोटे हितों को पूरा करने वाले अलग से निर्धारित किये गये बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, भुगतान बैंकों आदि पर छोटे व्यवसाय, असंगठित क्षेत्र, कम आय वाले परिवारों, किसानों और प्रवासी कार्य बल की ऋण और प्रेषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए विचार-विमर्श किया गया.

•    छह नये ऋण वसूली अधिकरण स्थापित किये जाएंगे.

•    उद्यम पूंजी निधियों, अर्ध-इक्विटी और कम ब्याज दर वाले ऋण और अन्य जोखिम पूंजी के माध्यम से खासकर युवाओं द्वारा नए आयोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इक्विटी उपलब्ध कराने हेतु 10000 करोड़ रुपये के आधारभूत निधि वाले निधियों की निधि की स्थापना का प्रावधान.

लघु बचतें

•    किसान विकास पत्र (केवीपी) पुनः शुरू किये जाएंगे.

•    बालिका की शिक्षा एवं विवाह की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष लघु बचत शुरू की जाएगी.

•    लघु बचतकर्ताओं को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए बीमा कवर सहित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र.

•    पीपीएफ योजना में, वार्षिक अधिकतम सीमा वर्तमान से एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की जाएगी.

बीमा क्षेत्र

•    लंबित बीमा कानून (संशोधन) विधेयक तत्काल विचार के लिए संसद में लाया जाएगा.

•    इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम, 1978 के अंतर्गत विनिमयकारी अंतराल को भरा जाएगा.

•    बीमा क्षेत्र में कंपोजित कैप 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया जाएगा.

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