गुजरात सरकार ने 7 मई 2016 को जैन समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा प्रदान किया.
यह निर्णय गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल द्वारा लिया गया.
मुख्य बिंदु
• यह निर्णय आरक्षण के मुद्दे से भिन्न है तथा इससे जैन समुदाय में निर्धन लोगों को सहायता प्राप्त होगी जिससे वे भिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
• जैन संस्थानों को क्रिश्चियन एवं मुस्लिम सस्थानों के समान दर्जा प्रदान किया जायेगा.
इससे पहले जनवरी 2014 को यूपीए सरकार ने जैन समुदाय को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान किया. इसके अतिरिक्त अन्य पांच समुदाय जिन्हें अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया है -
• मुस्लिम
• क्रिस्चियन
• सिख
• बौद्ध
• पारसी
इस निर्णय से एक सप्ताह पहले राज्य सरकार ने पटेल समुदाय को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया.
जैन समुदाय
भारत में 50 लाख (भारत की कुल जनसँख्या का 0.4 प्रतिशत) जैन समुदाय के लोग निवास करते हैं. इस समुदाय को समृद्ध एवं संपन्न वर्ग का माना जाता है.
जैन धर्म का 24 तीर्थकरों द्वारा उदय हुआ. अंतिम दो तीर्थंकर थे पार्सवनाथ (23वें) एवं वर्धमान महावीर (24वें). पार्सवनाथ की मृत्यु 100 वर्ष की आयु में हुई जबकि उन्हें 30 वर्ष की आयु में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई. वर्धमान महावीर (24वें) का जन्म 540 ईसा पूर्व में कुंडग्राम में हुआ था, उन्हें 42 वर्ष की आयु में आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई जबकि 72 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ.
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