हरियाणा बाल संरक्षण आयोग (एचसीपीसी) ने 21 अगस्त 2017 को सभी निजी व सरकारी स्कूलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए निर्देश जारी किये. यह निर्देश ब्लू व्हेल गेम से होने वाले संभावित खतरे से सम्बंधित है.
हरियाणा बाल संरक्षण आयोग ने कहा है कि स्कूल सभी बच्चों की काउंसलिंग करवाए ताकि उन पर ध्यान दिया जा सके. आयोग का कहना है कि चूंकि इस खेल से विश्वभर में सैंकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है इसलिए इस पर निर्देश जारी करना आवश्यक है.
मुख्य बिंदु
• एचसीपीसी ने राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि जिन छात्रों का व्यवहार अलग लगे उन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
• कक्षा पांचवीं से 12वीं तक के सभी छात्रों को ब्लू व्हेल चैंलेज और इस तरह के खेलों के खतरों के बारे में बताया जाए ताकि वे इसे खेलने से बचें.
• ब्लू व्हेल गेम से भारत में भी स्कूली बच्चों की मौत हो चुकी है, इसलिए स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है.
• जिला शिक्षा अधिकारी को सभी स्कूलों के औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया.
• एचसीपीसी ने स्कूलों को 17 बिन्दुओं पर काम करने को कहा है. इनमें स्कूल में डिजिटल सर्विलांस सिस्टम, स्कूलों के कंप्यूटर में फिल्टर इंस्टॉल करना, साफ्टवेयर पर ध्यान देना, इंटरनेट के इस्तेमाल पर ध्यान देना आदि शामिल है.
• एचसीपीसी ने एनसीपीसी के निर्देश पर राज्य के सभी स्कूलों में यह निर्देश लागू करवाने के लिए कहा.
भारत सरकार ने ब्लू व्हेल चैलेंज पर प्रतिबंध लगाया
ब्लू व्हेल चैलेंज
यह गेम खेलने वाले के मोबाइल पर उसे 50 दिन का चेलेंज देता है जिस दौरान खेलने वाले व्यक्ति को वह सब करना होता है जो गेम कहता है. मसलन, हाथ पर ब्लेड से कोई आकृति बनाना, रात को अकेले घर से निकलना, खुद को चोट पहुंचाना और आखिरी चैलेंज आत्महत्या करने का होता है. कहा जा रहा है कि इसे एक बार मोबाइल में इनस्टॉल करने के बाद जब तक पूरा नहीं करते, इसे हटाया नहीं जा सकता. विश्वभर में किशोरों को आत्महत्या एवं आपराधिक गतिविधियों के लिय उकसा रहे इस गेम पर विभिन्न देशों द्वारा प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation