केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के आंतरिक सुरक्षा मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्त्सेव ने 27 नवम्बर 2017 को दोनों देशों के मंत्रालयों के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किये.
भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार समझौते में सूचना तकनीकी अपराध, करेंसी की जालसाजी, नशीले पदार्थ एवं मानव तस्करी और आर्थिक अपराधों पर रोकथाम जैसे सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग पर बल दिया गया है.
इसके साथ ही भारतीय गृह मंत्रालय एवं रूसी आंतरिक मंत्रालय के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बीच वर्ष 2018-20 के लिए एक ‘ संयुक्त कार्रवाई योजना ’ के समझौते पर भारतीय राजदूत पंकज सरन और रूस के आंतरिक सुरक्षा उपमंत्री इगोर जुबोव ने हस्ताक्षर किये.
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भारत-रूस संबंध
भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही भारत और रूस के सम्बन्ध बहुत घनिष्ठ रहे हैं. शीत युद्ध के समय भारत और सोवियत संघ में मजबूत रणनीतिक, सैनिक, आर्थिक, एवं राजनयिक सम्बन्ध रहे हैं. सोवियत संघ के विघटन के बाद भी दोनों के सम्बन्ध पूर्ववत बने रहे.
वर्ष 1991 से भारत ने अपनी विदेश नीति में परिवर्तन करना आरंभ किया. इस दौरान भारत द्वारा अमेरिका, पश्चिमी यूरोप के देशों, जापान एवं दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों की ओर भी रुख किया गया. लेकिन महत्वपूर्ण रहा कि इस दौरान भी भारत-रूस के मध्य संबंध काफी मधुर बने रहे.
मौजूदा समय में भी भारत और रूस के संबंध घनिष्ठ हैं. व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आक्रमक विदेश नीति का प्रदर्शन करते हुए कई बार अमेरिकी विदेश नीति को चुनौती दी. पिछले कुछ वर्षों में चाहे वह सीरिया का संकट हो, परमाणु समझौता या यूरोप के देशों में तेजी से बढ़ता प्रभाव, रूस से सभी जगह अपनी पैठ बनाई है लेकिन साथ ही भारत के साथ भी मैत्री संबंध बनाये रखे हैं.
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