बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने 08 नवम्बर 2017 को कहा है कि बीमा पॉलिसी को आधार से जोड़ना अनिवार्य हो गया है. उसने सभी बीमा कंपनियों से इसे लागू करवाने को कहा है. आईआरडीएआई ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग प्रतिबंध कानून के तहत इसे अनिवार्य बनाया गया है.
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आधार को इंश्योरेंस पॉलिसी से लिंक करवाना धन-शोधन निवारण (रिकॉर्ड्स का रखरखाव) के दूसरा संशोधन नियम, 2017 के तहत अनिवार्य किया गया है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• आईआरडीएआई ने कहा है कि बीमा सहित तमाम वित्तीय सेवाओं के लिए आधार और पैन या फॉर्म 60 का उल्लेख करना अनिवार्य हैं. फॉर्म 60 या 61 उन लोगों की ओर से भरा जाता है जिनके पास पैन कार्ड नहीं होता है और वो ऐसे लेनदेन कर रहे हैं जिसके लिए पैन की जानकारी देना आवश्यक होता है.
• आधार को इंश्योरेंस पॉलिसीज के साथ लिंक करने की प्रक्रिया भी बैंक अकाउंट्स जैसी ही होगी. यानी, पॉलिसी होल्डर्स पैन नंबरों को टेक्स्ट मेसेज या ऑनलाइन या ब्रांच में जाकर आधार लिंक करवा सकते हैं.
• देश में 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां और 33 बीमाकर्ता (स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं सहित) हैं जो देश में इस तरह की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं.
• केंद्र सरकार ने जून 2017 में अधिसूचना जारी कर कहा था कि बीमा सहित किसी भी वित्तीय सेवा का लाभ लेने के लिए आधार और पैन नंबर को जोड़ना अनिवार्य कर दिया था.
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण:
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण भारत सरकार का एक प्राधिकरण (एजेंसी) है. इसका उद्देश्य बीमा की पालसी धारकों के हितों कि रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है. इसका मुख्यालय हैदराबाद में है. इसकी स्थापना संसद के अधिनियम आईआरडीए अधिनियम, 1999 द्वारा की गई थी.
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